भारत के नाम लगातार तीसरे साल दुनिया में डोपिंग का सबसे ज्यादा मामले दर्ज करने वाले देश बनने का शर्मनाक रिकॉर्ड हो गया है। वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी (WADA) ने मंगलवार (17 दिसंबर) को देर रात 2024 की अपनी सालाना रिपोर्ट जारी की। डेटा के मुताबिक पिछले साल 260 भारतीय एथलीट प्रतिबंधित दवाओं के लिए पॉजिटिव पाए गए। दुनिया के किसी भी दूसरे देश में डोपिंग की संख्या तीन अंकों में नहीं है।
भारत का पॉजिटिविटी दर 3.6 प्रतिशत के साथ दुनिया में सबसे ज्यादा रहा। नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) ने 7,113 यूरिन और ब्लड सैंपल इकट्ठा किए। इनमें से 260 पॉजिटिव पाए गए। इसके उलट, चीन ने 24,214 टेस्ट किए और 43 पॉजिटिव मामले सामने आए। चीन के अलावा पांच देशों ने भारत की तुलना में अपने एथलीटों का ज्यादा सख्ती से टेस्ट किया। ये देश जर्मनी (15,081 टेस्ट; 54 पॉजिटिव), फ्रांस (11,744 टेस्ट; 91 पॉजिटिव), रूस (10,514 टेस्ट; 76 पॉजिटिव), इटली (9,304 टेस्ट; 85 पॉजिटिव) और यूके (8,273 टेस्ट; 30 पॉजिटिव) थे।
2023 में 213 एथलीट डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे
2023 में भी भारत ग्लोबल डोपिंग चार्ट में टॉप पर था। इसमें 213 एथलीट डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे। अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबंधित दवा लेने वाले एथलीटों की संख्या में साल-दर-साल बढ़ोतरी चिंताजनक है। इससे उपलब्धियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं। वाडा के डेटा से पता चलता है कि किसी प्रतिस्पर्धा के दौरान नेशनल एंटी-डोपिंग वॉचडॉग द्वारा टेस्ट किए गए हर 5 भारतीय एथलीट में से लगभग 1 डोप पॉजिटिव पाया गया।
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में डोपिंग के मामले
डोपिंग के बढ़ते मामलों की चिंता इस महीने की शुरुआत में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में फिर से सामने आई। कुछ इवेंट्स में महिलाओं की 400 मीटर या पुरुषों की 400 मीटर हर्डल रेस में स्टार्टिंग लाइन पर सिर्फ एक एथलीट था, जबकि बाकी प्रतिभागी संभवत: एंटी-डोपिंग अधिकारियों की मौजूदगी के कारण मैदान छोड़कर भाग गए थे।
एथलेटिक्स में डोपिंग के सबसे ज्यादा मामले
पिछले साल एथलेटिक्स में डोपिंग के सबसे ज्यादा मामले सामने आए थे। वाडा के अनुसार 260 में से 76 मामले ट्रैक एंड फील्ड एथलीट के थे। वेटलिफ्टिंग दूसरे नंबर पर थी, जिसमें 43 मामले थे, जबकि कुश्ती में 29 मामले थे। नाडा ने कहा कि पॉजिटिव मामलों में बढ़ोतरी चिंताजनक लग सकती है, लेकिन इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि ये आंकड़े भारत के तेज एंटी-डोपिंग प्रयासों का सीधा नतीजा हैं।
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नाडा ने क्या कहा?
नाडा ने एक बयान में कहा, “हाल के सालों में भारत ने अपने एंटी-डोपिंग फ्रेमवर्क में काफी मजबूती देखी है। खेलों में डोपिंग की समस्या से निपटने के लिए नाडा इंडिया ने न सिर्फ टेस्ट की संख्या बढ़ाई है, बल्कि शिक्षा और जागरूकता पर भी जोर बढ़ाया है।”
पॉजिटिविटी रेट 5.6 प्रतिशत से घटकर 3.6 प्रतिशत हो गया
नाडा ने आगे कहा कि डोप टेस्ट की संख्या 2019 में 4,004 से बढ़कर 2024 में 7,113 हो गई है। इस बात पर जोर दिया कि इसी दौरान पॉजिटिविटी रेट 5.6 प्रतिशत से घटकर 3.6 प्रतिशत हो गया है। इसमें यह भी कहा गया कि 16 दिसंबर, 2025 तक इस साल किए गए टेस्ट की संख्या 7,068 थी, जिसमें 110 पॉजिटिव मामले थे, जो 1.5 प्रतिशत बनता है।
आईओए उठा चुका है डोपिंग का मामला
वाडा की रिपोर्ट इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) द्वारा डोपिंग का मुद्दा उठाने के कुछ महीनों बाद आई है, जब एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल 2036 ओलंपिक की मेजबानी की मांग करने के लिए लुसाने गया था। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व गुजरात के उप मुख्यमंत्री और खेल मंत्री हर्ष सांघवी और भारतीय ओलंपिक समिति (IOA) अध्यक्ष पीटी उषा ने किया था। इसमें केंद्र और राज्य सरकारों के बड़े अधिकारी, आईओए के वरिष्ठ अधिकारी, प्राइवेट कंसल्टेंट और कॉर्पोरेट दिग्गज भी शामिल थे। मीटिंग के दौरान आईओसी ने भारत में डोपिंग के खतरे के मुद्दे को उठाया और अधिकारियों से अपनी व्यवस्था ठीक करने को कहा।
