भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर और पूर्व बैटिंग कोच संजय बांगर के बेटे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। वह सर्जरी कराकर आर्यन से अनाया बन गए हैं। आर्यन ने अपने 10 महीने के हार्मोनल परिवर्तन के सफर को शेयर किया। इंस्टाग्राम रील में 23 वर्षीय आर्यन ने पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी और विराट कोहली के साथ और अपने पिता के साथ पुरानी तस्वीरें शेयर कीं। फिलहाल वह इंग्लैंड के मैनचेस्टर में रहते हैं। सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उस वीडियो को डिलीट किया जा चुका है।
आर्यन ने अनाया बांगर नाम के इंस्टाग्राम पेज से एक अन्य वीडियो शेयर किया है। इसमें उन्होंने हार्मोनल परिवर्तन के 11 महीने के बाद का अंतर बताया है। नीचे इसका वीडियो देख सकते हैं। अपने पिता की तरह क्रिकेटर आर्यन बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। हार्मोनल परिवर्तन के बाद उनका क्रिकेट करियर खत्म हो गया है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में इसके बारे में लिखा है। शरीर में बदलाव और ट्रांस वुमेन के इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने को लेकर नियन-कायदे न होना इसका कारण बताया है।
पिता के पदचिन्हों पर चलने का सपना
23 अगस्त को किए गए पोस्ट में आर्यन से अनाया बनने वाले संजय बांगर के बेटे ने लिखा, ” छोटी उम्र से ही क्रिकेट हमेशा से मेरे जीवन का हिस्सा रहा है। बड़े होते हुए, मैंने अपने पिता को देश का प्रतिनिधित्व करते और कोचिंग करते हुए देखा। मैंने उनके पदचिन्हों पर चलने का सपना देखना शुरू कर दिया। खेल के प्रति उनका जुनून, अनुशासन और समर्पण मेरे लिए बहुत प्रेरणादायक था। क्रिकेट मेरा प्यार, मेरी महत्वाकांक्षा और मेरा भविष्य बन गया। मैंने अपना पूरा जीवन अपने कौशल को निखारने में बिताया है। उम्मीद थी कि एक दिन मुझे भी उनके जैसे अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा।”
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खेल मुझसे दूर होता जा रहा है
अनाया ने आगे लिखा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे उस खेल को छोड़ना पड़ेगा जो मेरा जुनून और मेरा प्यार रहा है। लेकिन यहां मैं एक दर्दनाक वास्तविकता का सामना कर रही हूं। हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) कराकर एक ट्रांस महिला बनने के बाद मेरे शरीर में बहुत ज्यादा बदलाव आया है। मैं अपनी मांसपेशियों, ताकत, मांसपेशियों की याददाश्त और एथलेटिक क्षमताओं को खो रही हूं, जिन पर मैं कभी निर्भर थी। जिस खेल से मैं इतने लंबे समय से प्यार करती थी, वह मुझसे दूर होता जा रहा है। “
क्रिकेट में ट्रांस महिलाओं के लिए कोई उचित नियम नहीं
अनाया ने कहा, “मुझे इससे भी ज्यादा दुख इस बात से होता है कि क्रिकेट में ट्रांस महिलाओं के लिए कोई उचित नियम नहीं हैं। ऐसा लगता है कि सिस्टम मुझे बाहर कर रहा है, इसलिए नहीं कि मुझमें जोश या प्रतिभा की कमी है, बल्कि इसलिए कि नियम मेरी वास्तविकता को नहीं समझ पाए हैं, मेरा टेस्टोस्टेरोन लेवल 0.5 एनएमओएल तक गिर गया है, जो एक औसत महिला के लिए सबसे कम हो सकता है। इसके बावजूद मैं अभी भी अपने देश का प्रतिनिधित्व करने या अपने वास्तविक रूप में पेशेवर स्तर पर खेल नहीं सकता।”
नियम पर उठाए सवाल
अनाया ने कहा, “मामले को बदतर बनाने के लिए सिस्टम कहता है कि महिलाओं के खेलों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए मुझे पुरुष यौवन से पहले ट्रांजिशन कर लेना चाहिए था, लेकिन यहां विरोधाभास है कि समाज और कानूनी व्यवस्था नाबालिग को ट्रांजिशन करना अवैध बनाती है। मुझे क्या करना चाहिए? सिस्टम मुझे एक असंभव स्थिति में धकेल रहा है।”
ट्रांस महिलाओं को आगे बढ़ने का अधिकार
अनाया ने कहा, “ऐसे मानक हैं, जिन्हें मैं चाहकर भी पूरा नहीं कर सकती थी। यह दिल तोड़ने वाली बात है कि जिस शरीर पर मैंने इतनी मेहनत की है,उसे अब महिला क्रिकेट में मेरे सफर में बाधा के रूप में देखा जा रहा है। हमें ऐसी नीतियों की आवश्यकता है, जो हमें अपनी पहचान और अपने जुनून के बीच एक को चयन करने के लिए बाध्य न करें। ट्रांस महिलाओं को प्रतिस्पर्धा करने, खेलने और आगे बढ़ने का अधिकार है।”
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