महिला वर्ल्ड कप 2025 में भारतीय टीम रविवार (12 अक्टूबर) की रात रिकॉर्ड स्कोर 331 रन खड़ा करने के बाद भी ऑस्ट्रेलिया से हार गई। पहली बार किसी टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करते हुए 330 रन बनाए। इसके बाद भी उसे हार का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया ने 331 रन का लक्ष्य एक ओवर पहले ही हासिल कर लिया। भारत की यह टूर्नामेंट में लगातार दूसरी हार है। वह 4 मैच में 4 अंक के साथ तीसरे नंबर पर है। हालात देखकर ऐसा लग रहा है कि भारत सेमीफाइनल में पहुंच जाए तो बड़ी बात होगी। वर्ल्ड कप जीतना काफी दूर की बात है।
हरमनप्रीत कौर ने मैच के बाद हार का कारण 30-40 रन कम बनाना बताया। उन्होंने कहा कि बल्लेबाजी के दौरान आखिरी 5 ओवर के कारण टीम हार गई। भारतीय टीम ने आखिरी 6 विकेट 36 रन पर खो दिए, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का कारण शायद यह नहीं है। भारत की हार की वजह प्लेइंग 11 भी है। हरमनप्रीत कौर और अमोल मजूमदार को यह समझना होगा कि बल्लेबाजी में गहराई के लिए गेंदबाजी से समझौता नहीं किया जा सकता। खासकर तब जब आपके पास छठा गेंदबाजी विकल्प ही न हो।
भारतीय टीम को खल रही एक गेंदबाज की कमी
भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया ही नहीं साउथ अफ्रीका के खिलाफ मैच में भी एक गेंदबाज की कमी खली थी। रेणुका सिंह ठाकुर को न खिलाकर भारतीय टीम क्रांति गौड़ और अमनजोत कौर को बतौर तेज गेंदबाज इस्तेमाल कर रही है। बैटिंग ऑलराउंडर अमनजोत से 10 ओवर निकलवाना आसान नहीं है। अंत के ओवरों में ऐसा लगता है कि भारत के पास गेंदबाजी का विकल्प ही नहीं है।
3 विकेट शेष होने पर भी साउथ अफ्रीका ने 7 गेंद पहले खत्म किया मैच
साउथ अफ्रीका को पिछले मैच में 24 गेंद पर 41 रन चाहिए थे। केवल 3 विकेट शेष थे। नादिन डी क्लर्क ने अयाबोंगा खाका के साथ मिलकर मैच 1 ओवर पहले ही खत्म कर दिया। क्रांति गौड़ ने 47वें ओवर में 18 रन दे डाले। अगले ओवर में दीप्ति शर्मा ने 11 रन दिए। इसके बाद साउथ अफ्रीका को 2 ओवर में महज 12 रन ही चाहिए थे। 49वें ओवर में पांचवीं गेंद पर मैच खत्म हो गया। नादिन डी क्लर्क ने अमनजोत को छक्का जड़कर मैच खत्म किया। अमनजोत ने सिर्फ 5.5 ओवर में 40 रन लुटा दिए। इस मैच में 4 ओवर हरमनप्रीत कौर ने किए।
भारतीय टीम को संयोजन पर ध्यान देना चाहिए
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत ने 330 रन बनाए तो लगा कम से कम इस स्कोर का बचाव हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ऑस्ट्रेलिया का स्कोरिंग रेट कम ही नहीं हुआ। एलिसा हीली और फोबे लिचफील्ड ने पहले विकेट के लिए 11.2 ओवर में 85 रन जोड़ दिए। यह मैच 49वें ओवर में खत्म हुआ। अमनजोत कौर ने 9 ओवर में 68, क्रांति ने 10 ओवर में 73 और स्नेह राणा ने 10 ओवर में 85 रन दिए। भारतीय टीम को 331 रन के लक्ष्य का बचाव नहीं हो पाने के बाद संयोजन पर ध्यान देना चाहिए।
ऊपर के बल्लेबाजों को जिम्मेदारी लेनी होगी
हरमनप्रीत कौर और अमोल मजूमदार को जिद छोड़ देनी चाहिए। बल्लेबाजी में गहराई के लिए गेंदबाजी से समझौता नहीं होना चाहिए। खासकर तब जब आपकी मुख्य गेंदबाज के पास अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सिर्फ चार महीने का ही अनुभव हो। हरमनप्रीत कौर और अमोल मजूमदार को प्लेइंग 11 में एक गेंदबाज शामिल करने पर विचार करना होगा। गेंदबाजी मजबूत होगी तो 250-260 रन के लक्ष्य का भी बचाव हो जाएगा। ऊपरी क्रम की बैटर्स को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। अगर स्मृति मंधाना और हरमनप्रीत रन नहीं बनाती हैं तो नीचे के बल्लेबाजों से रन की उम्मीद करना बेमानी है।