भारतीय क्रिकेट इतिहास में ऐसे कई क्रिकटर्स हुए हैं जिन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत ही ज्यादा संघर्ष किया और फिर भारतीय टीम में जगह बनाने में सफलता हासिल की। उन सभी क्रिकेटर्स में एक नया नाम शुमार हो चुका है जो यशस्वी जयसवाल हैं और उनकी जिंदगी की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। कठिन परिश्रम और क्रिकेट के प्रति उनके जुनून का ही नतीजा है कि वो अब भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बन चुके हैं और वेस्टइंटीज में उन्होंने टेस्ट प्रारूप में ड्रीम डेब्यू भी कर लिया। पानी-पूरी बेचने से लेकर क्रिकेट पिच का सफर तय करने वाले यशस्वी ने अपने करियर का डेब्यू टेस्ट में ही 171 रन की पारी खेल डाली। यशस्वी की इस पारी का महत्व इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि उन्होंने एक मुश्किल पिच पर यह कमाल किया।
सुबह 4.30 बजे पिता को वीडियो कॉल कर रो पड़े यशस्वी जयसवाल
यशस्वी जयसवाल के पिता भूपेन्द्र जयसवाल ने एचटी के साथ बात करते हुए बताया कि डोमिनिका टेस्ट मैच के दूसरे दिन जब उन्होंने शतक पूरा कर लिया उसके बाद सुबह 4.30 बजे मुझे वीडियो कॉल किया। इसके बाद वो खुद को रोक नहीं पाए और रो पड़े साथ ही मैं भी रो रहा था। यह बहुत ही भावुक कर देने वाला पल था। वो बहुत थका हुआ था और मुझसे ज्यादा लंबी बातचीत नहीं कर पाया। उसने मुझसे सिर्फ इतना ही पूछा था कि पिताजी क्या आप खुश हैं। आपको बता दें कि यशस्वी के पिता का बदोही (यूपी) में एक छोटी सी पेंट की दुकान है।
गौरतलब है कि यश्स्वी जयसवाल भारत की तरफ से डेब्यू टेस्ट मैच की पहली पारी में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले शिखर धवन और रोहित शर्मा के बाद तीसरे बल्लेबाज रहे साथ ही डेब्यू टेस्ट मैच में भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में वो सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले चौथे नंबर के बल्लेबाज भी बने। इसके अलावा पहले टेस्ट मैच में रोहित शर्मा के साथ यशस्वी जयसवाल ने 221 रन की साझेदारी की तो वहीं उन्होंने विराट कोहली के साथ भी शतकीय साझेदारी करते हुए टीम के स्कोर को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। वो टेस्ट डेब्यू में भारत की तरफ से सबसे ज्याद गेंद फेस करने वाले बल्लेबाज भी बने। यशस्वी को उनकी शानदार पारी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब दिया गया। भारत और वेस्टइंडीज के बीच अब दूसरा टेस्ट मैच 20 जुलाई से खेला जाएगा।