शुभमन गिल ने जब से टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम की कमान संभाली है मानो उनके फॉर्म ने 360 डिग्री टर्न ये लिया है। इंग्लैंड सीरीज में बतौर कप्तान विदेशी सरजमीं पर उतरते हुए जो उन्होंने किया था वो काबिल-ए-तारीफ था। उन्होंने पांच टेस्ट मैचों में 754 रन बनाए थे। उसी फॉर्म को वेस्टइंडीज के खिलाफ भी टेस्ट सीरीज में उन्होंने जारी रखा है। इस मैच में कप्तान ने भारत को बढ़त दिलाते हुए ही एक खास उपलब्धि भी हासिल कर ली। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में जहां अपना 8वां अर्धशतक जड़ा। जबकि बतौर कप्तान उन्होंने भारत में और टेस्ट क्रिकेट में पहला अर्धशतक जड़ा है। इससे पहले उन्होंने चारों शतक ही लगाए थे। वहीं उन्होंने एक खास तिहरा शतक भी पूरा कर लिया है।

भारत का स्कोर जब 161 रन था तब शुभमन गिल ने चौका लगाकर भारत को वेस्टइंडीज के 162 रनों से पार पहुंचाते हुए बढ़त दिलाई। इसके अलावा उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपने 300 चौके भी पूरे कर लिए। भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने इंग्लैंड दौरे पर चार शतक लगाए थे। हालांकि बतौर कप्तान वह अपने पांचवें टेस्ट शतक से चूक गए और 50 रन बनाकर वेस्टइंडीज के कप्तान रॉस्टन चेज का शिकार बने। साल 2025 में शुभमन गिल अभी तक 837 बना चुके हैं। वहीं वह इस साल विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी हैं।

कप्तानी से बदली किस्मत!

शुभमन गिल को जब से कप्तानी मिली है तब से बतौर बल्लेबाज भी उनकी किस्मत बदल गई है, यह कहना गलत नहीं होगा। उन्होंने कप्तानी का डेब्यू करते हुए इंग्लैंड सीरीज में जलवा बिखेरा था। उसके बाद जब वह भारत में पहली बार बतौर कप्तान उतरे तो पहली पारी में ही जलवा दिखा दिया। उन्होंने अपना पचासा पूरा किया और शानदार फॉर्म में नजर आए। मगर वह अपनी इस पारी को बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर पाए। लेकिन बतौर कप्तान अभी तक शुभमन गिल ने 6 टेस्ट मैचों में 804 रन बनाए हैं जिसमें 4 शतक और एक अर्धशतक शामिल है। यानी यह पहली ऐसी पारी थी उनकी बतौर कप्तान जब वह 50 रन बनाने के बाद शतक तक नहीं पहुंच पाए।

शुभमन गिल ने टेस्ट क्रिकेट में रोहित शर्मा के साथ बतौर ओपनर शुरुआत की थी। मगर जब यशस्वी जायसवाल की एंट्री हुई तो उन्हें नंबर 3 पर चेतेश्वर पुजारा की जगह मिली। उसके बाद जब से रोहित ने टेस्ट से संन्यास लिया और गिल कप्तान बने, तब से उन्होंने नंबर 4 की पोजीशन पर खुद को स्थापित कर लिया। इस पोजीशन पर भारतीय टीम के लिए दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली भी लंबे समय तक खेले हैं। वहीं सचिन तेंदुलकर भी व्हाइट बॉल क्रिकेट में ओपनिंग करते थे लेकिन टेस्ट में नंबर 4 पर खेले हैं।