वेंकट कृष्णा बी
जब चयनकर्ताओं ने भारत के कैरेबियन दौरे के लिए टेस्ट टीम की घोषणा की तो सरफराज खान और अभिमन्यु ईश्वरन को न चुनने और ऋतुराज गायकवाड़ को मौका देने पर उनकी काफी आलोचना हुई। गायकवाड़ को टीम में शामिल करने के लिए चयनकर्ताओं ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 79.64 के औसत वाले सरफराज खान को नजरअंदाज कर दिया। उन्हें ईश्वरन से ऊपर चुना गया है, जिन्होंने भारत ए दौरों और रणजी ट्रॉफी में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है और साल की शुरुआत में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लगातार चार शतक बनाए हैं। गायकवाड़ को चयनकर्ताओं ने चेतेश्वर पुजारा जैसे अनुभवी को भी बाहर करके चुना है, जिनके नाम 102 टेस्ट हैं।
सरफराज खान को लगातार नजरअंदाज करने के लिए आलोचना के बीच चयनकर्ताओं को ऋतुराज गायकवाड़ के चयन पर पूर्व चीफ सेलेक्टर दिलीप वेंगसरकर ने बड़ा बयान दिया है। कर्नल के नाम से मशहूर 1983 वर्ल्ड चैंपियन टीम इंडिया के सदस्य ने द इंडियन एक्सप्रेस से ऋतुराज को लेकर कहा कि वह निश्चित रूप से काफी क्षमता वाले खिलाड़ी हैं, लेकिन आपको इसके बारे में तभी पता चलेगा जब वह खेलेंगे। बता दें कि वेंगसरकर की एकेडमी में ऋतुराज पले बढ़े हैं।
लाल गेंद या सफेद गेंद मायने नहीं रखती
चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष वेंगसरकर ने द इंडियन एक्सप्रेस ने ऋतुराज के चयन के मेरिट पर सवाल किया तो उन्होंने कहा, “लाल गेंद या सफेद गेंद कोई मायने नहीं रखती। सब एक जैसा है। एक अच्छा खिलाड़ी सभी प्रारूपों में सामंजस्य बिठा लेगा। हमें यह देखने के लिए इंतजार करना होगा कि वह टेस्ट क्रिकेट में कैसा प्रदर्शन करते हैं। मुझे यह कतार वाली बात समझ में नहीं आती। हर खिलाड़ी दावेदारी में होता है।”
ऋतुराज गायकवाड़ का चयन करके चयनकर्ताओं ने दिए बड़े संकेत
2020 में आईपीएल में पदार्पण करने के बाद से चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के लिए ऋतुराज गायकवाड़ ने दिखाया है कि वह भविष्य खिलाड़ी हैं और उन्होंने 2021 में ऑरेंज कैप भी जीती है, लेकिन उनके सामने चुनौती बहुत बड़ी है। संभवत: उनके चयन से यह तय हो गया है कि चयनकर्ता भविष्य में किस आधार पर फैसला लेंगे। आईपीएल में बेहतरीन पेस अटैक के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करने वाले बल्लेबाज को रणजी ट्रॉफी , दलीप ट्रॉफी और ईरानी कप में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वालों पर तरजीह दी गई है।
आईपीएल के आधार पर टीम चुनकर जुआ खेल रहे चयनकर्ता
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में ऋतुराज गायकवाड़ का औसत केवल 42.19 है, जो बुरा नहीं है, लेकिन बहुत अच्छा भी नहीं है। उनके टेस्ट टीम में आने का कारण यह है कि आईपीएल में उनके प्रदर्शन को देखकर चयनकर्ताओं ने माना कि वह लंबे प्रारूप में हाई क्वालिटी तेज गेंदबाजों और निरंतर दबाव का सामना कर सकते हैं। आईपीएल के आधार पर टी20 टीम के लिए खिलाड़ियों को चुना जाता था। अब चयनकर्ता इसका उपयोग यह पता लगाने के लिए कर रहे हैं कि जब घरेलू प्रतिभाएं विदेशी तेज गेंदबाजों के खिलाफ आती हैं तो उनका प्रदर्शन कैसा होता है। ए-टूर कार्यक्रमों के अभाव में, उन्होंने आईपीएल के आधार पर टेस्ट टीमों के लिए प्रतिभाओं को चुनने का सहारा लिया है, लेकिन यह सिर्फ एक जुआ है। इस तथ्य पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि उन्होंने सूर्यकुमार यादव को बाहर करने से पहले केवल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टेस्ट के लिए आजमाया था।