टीम इंडिया 2011 वर्ल्ड कप जीती तो शीर्ष सात में गौतम गंभीर, युवराज सिंह और सुरेश रैना जैसे तीन बाएं हाथ के खिलाड़ी थे। हालांकि, उसके बाद से प्लेइंग इलेवन में बाएं हाथ के बल्लेबाजों की संख्या में गिरावट आई है। टीम प्रबंधन शिखर धवन की ओर नहीं देख रहा है, ऐसे में मौजूदा बल्लेबाजी क्रम में फर्स्ट च्वाइस प्लेइंग 11 मे बाएं हाथ के खिलाड़ी केवल रविंद्र जडेजा हैं। ऐसे में वेस्टइंडीज के खिलाफ गुरुवार से शुरू हो रहे वनडे सीरीज में टीम का चयन होगा और इशान किशन और संजू सैमसन में से किसी एक को चुनना होगा तो इस पक्ष पर भी गौर किया जाएगा।

इस साल की शुरुआत में जब भारत ने चेन्नई में एकदिवसीय मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच खेला था, तो लेग स्पिनर एडम जम्पा और बाएं हाथ के स्पिनर एश्टन एगर ने इंडियन मिडिल ऑर्डर को परेशान कर दिया था। दोनों ने टर्निंग पिच पर छह विकेट लिए, जिससे ऑस्ट्रेलिया को सीरीज जीतने में मदद मिली। हालांकि अक्षर पटेल को प्रमोट किया गया था, लेकिन वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके और बल्लेबाजी क्रम में बदलाव ने उनके बाद आने वाले बल्लेबाजों की परेशानी बढ़ा दी।

अक्षर पटेल को क्यों किया गया था प्रमोट

अक्षर पटेल को प्रमोट करने का पीछे का कारण ऑस्ट्रेलिया के स्पिनर्स का मुकाबला करने के लिए शीर्ष क्रम में बाएं हाथ के खिलाड़ी की कमी को पूरा करना था। विश्व कप में भारत को समान परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा और अधिकांश टीमों में एक बाएं हाथ का स्पिनर और एक लेग स्पिनर हैं। इससे पहले के मैच में विशाखापट्टनम में मिचेल स्टार्क ने 5 विकेट लिए थे। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज को अपना एंगल या लाइन में बदलाव की जरूरत नहीं पड़ी। इसका सबसे बड़ा कारण यह था टीम इंडिया की प्लेइंग 11 में केवल दाएं हाथ के बल्लेबाज थे। जडेजा बाएं हाथ के बल्लेबाज थे, जो नंबर सात आए और तब तक नुकसान हो चुका था।

शीर्ष छह में हों कम से कम दो बाएं हाथ के खिलाड़ी

रवि शास्त्री ने द वीक से कहा था, “आपको सही संतुलन बनाने की जरूरत है। क्या आपको लगता है कि एक बाएं हाथ का खिलाड़ी कोई फर्क लाएगा? जरूरी नहीं है कि वह ओपनिंग करें, लेकिन शीर्ष तीन या चार में हो सकते हैं। आपको सभी विकल्पों पर विचार करना होगा। आदर्श रूप से, शीर्ष छह में मैं दो बाएं हाथ के खिलाड़ियों को देखना चाहूंगा।”

मिडिल ऑर्डर में इशान किशन को आजमाने का बेहतर मौका

टॉप ऑर्डर में जडेजा के अलावा एक और बाएं हाथ के बल्लेबाज को रखने से टीम इंडिया को फायदा हो सकता है। वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों वनडे सीरीज में मिडिल ऑर्डर में इशान किशन को आजमाने का बेहतर मौका। हालांकि ,उन्होंने बहुत अधिक एकदिवसीय मैच नहीं खेले हैं,लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ बतौर ओपनर बल्लेबाज उन्होंने दोहरा शतक जड़ा और दिखाया कि वह क्या कर सकते हैं? मध्यक्रम में वह स्पिनर्स को टारगेट कर सकते हैं और विपक्षी टीम पर दबाव बना सकते हैं।

संजू सैमसन और केएल राहुल का क्या?

केएल राहुल आईपीएल में चोटिल हो गए थे और उससे पहले खराब फॉर्म में थे। इसके अलावा उनका स्ट्राइक रेट भी चिंता का विषय रहा है। दाएं हाथ के बल्लेबाज को सेट होने में और गेंदबाजों पर आक्रमण करने में काफी समय लगता है। हालांकि वह 50 ओवर के प्रारूप में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन वह टीम के टेम्पलेट के हिसाब से नहीं खेलते हैं।

क्या एक और एंकर की जरूरत है?

रोहित शर्मा एकदिवसीय मैचों में आक्रामक क्रिकेट खेलना चाहते हैं और किशन एक आक्रामक खिलाड़ी जो पहली गेंद से ही गेंदबाज पर अटैक कर सकते हैं। इस वजह से टीम में फिट बैठता है। टॉप ऑर्डर में विराट कोहली और शुभमन गिल के होने से साथ, क्या टीम को मध्य क्रम में राहुल के रूप में एक और एंकर की जरूरत है?

सैमसन की परेशानी

दूसरी ओर सैमसन का वनडे क्रिकेट में औसत 66.40 का रहा है। वह आईपीएल और भारतीय घरेलू क्रिकेट में एक अनुभवी खिलाड़ी हैं, लेकिन इनकंसिस्टेंसी परेशानी रही है। शुरुआत मिलने और थोड़े समय बेहतर दिखने के बाद अपना विकेट फेंकना उनके करियर का एक पैटर्न रहा है। उनका वनडे करियर अब तक शानदार रहा है लेकिन उन्होंने काफी कम मैच खेले हैं।