भारत और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 5 मैच की सीरीज का आखिरी टी20 इंटरनेशनल 19 जून 2022 को बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेला जाना है। पांचवें टी20 इंटरनेशनल मैच को जीतकर टीम इंडिया और ऋषभ पंत दोनों के पास ही इतिहास रचने का मौका है। टीम इंडिया यदि यह मैच जीतती है तो वह वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएगी। वह 0-2 से पिछड़ने के बाद 3-2 से सीरीज जीतने वाली दुनिया की पहली टीम बन जाएगी। वहीं, ऋषभ पंत घरेलू मैदान पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया को पहली टी20 सीरीज जिताने वाले पहले भारतीय कप्तान बन जाएंगे।

टीम इंडिया की घरेलू मैदान पर साउथ अफ्रीका के खिलाफ यह तीसरी टी20 इंटरनेशनल द्विपक्षीय सीरीज है। इससे पहले हुई 2 सीरीज में से एक साउथ अफ्रीका ने जीती थी, जबकि एक ड्रॉ रही थी। टीम इंडिया ने 0-2 से पिछड़ने के बाद जिस तरह से सीरीज बराबर की है, उसके बाद ऋषभ पंत की नजर भी इतिहास रचने पर होगी।

द्विपक्षीय टी20 इंटरनेशनल मुकाबलों में भारत का घर में रिकॉर्ड काफी शानदार है। टीम इंडिया ने 2016 से अब तक घर में 12 टी20 सीरीज (तीन से ज्यादा मैच वाली) खेली हैं। इनमें से सभी में उसे जीत हासिल हुई है। वहीं, साउथ अफ्रीका की नजरें आखिरी मैच जीतकर जीतकर भारत को घर में लगातार दो टी20 सीरीज हराने वाली पहली टीम बनने पर होगी।

इशान किशन के लिए टी20 इंटरनेशनल लिहाज यह साल शानदार रहा है। वह इस साल टी20 इंटरनेशनल में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। उनके नाम सिर्फ 9 पारियों में 367 रन दर्ज है। ड्वेन प्रिटोरियस को छोड़कर उन्होंने हर गेंदबाज के सामने डेढ़ सौ के ऊपर के स्ट्राइक रेट से रन बटोरे हैं। इस सीरीज में गेंद प्रति बाउंड्री लगाने के मामले में वह सिर्फ दिनेश कार्तिक से पीछे हैं। दिनेश कार्तिक एक बाउंड्री लगाने में 3.9 गेंद ले रहे हैं। इशान किशन हर 4.3वीं गेंद पर एक बाउंड्री बटोर रहे हैं।

साल 2021 की शुरुआत से पिछले टी20 विश्व कप तक पावरप्ले में भारत की गेंदबाजी का विषय थी। तब तक भारतीय गेंदबाजों ने पावरप्ले के दौरान 13 पारियों में 40.1 के औसत और 33.4 के स्ट्राइक रेट से सिर्फ 14 विकेट लिए थे। टी20 विश्व कप के बाद से चीजें बदली हैं। भारत ने पावरप्ले में 23 विकेट लिए हैं, जो कि शीर्ष दस टीम में सबसे अधिक है। भारत का इस फेज में दूसरा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी औसत और तीसरा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी स्ट्राइक रेट है।

2021 टी20 विश्व कप के बाद भारत केवल एक बार पावरप्ले में खाली हाथ रहा है, जबकि आठ मौकों पर दो से ज्यादा विकेट लिए हैं। यह दर्शाता है कि भारतीय गेंदबाज इस फेज में कितने प्रभावशाली रहे हैं। शीर्ष दस टीमों में किसी भी टीम ने पावरप्ले में भारत से ज्यादा बार 2 या उससे ज्यादा विकेट नहीं लिए हैं। भुवनेश्वर कुमार इस फेज में सबसे सफल भारतीय गेंदबाज रहे हैं। उन्होंने इस दौरान 8 विकेट चटकाए हैं।