आलोचनाओं से घिरे भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने बुधवार (26 नवंबर) को कहा कि साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मिली करारी हार के बाद उनके भविष्य पर फैसला भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को करना है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने याद दिलाया कि उनके कार्यकाल में टीम ने कितनी सफलता हासिल की है।

गंभीर बुधवार को गुवाहाटी दूसरे टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीका के हाथों 408 रन से मिली शर्मनाक हार के बाद बोल रहे थे, जिससे मेहमान टीम ने सीरीज 2-0 से अपने नाम कर ली। गंभीर ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘मेरे भविष्य का फैसला बीसीसीआई को करना है। लेकिन मैं वही व्यक्ति हूं जिसने इंग्लैंड में आपको अनुकूल परिणाम दिलाए और मैं चैंपियंस ट्रॉफी में भी कोच था।’’

95/1 से 122/7 स्वीकार्य नहीं

गंभीर ने चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की खिताबी जीत और इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ उसकी धरती पर 2-2 से ड्रॉ रही सीरीज का जिक्र किया। गंभीर ने साउथ अफ्रीका से 0-2 से मिली हार के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘दोष सभी का है और इसकी शुरुआत मुझसे होती है। हमें बेहतर खेल दिखाना होगा। पहली पारी में एक समय हमारा स्कोर एक विकेट पर 95 रन था जो सात विकेट पर 122 रन हो गया। यह स्वीकार्य नहीं है।’’

दोष सबका है

गंभीर ने कहा, ‘‘आप किसी एक व्यक्ति या किसी खास शॉट को दोष नहीं दे सकते। दोष सबका है। मैंने कभी किसी एक व्यक्ति को दोष नहीं दिया और आगे भी ऐसा नहीं करूंगा।‘‘ गंभीर के नेतृत्व में भारत ने 18 टेस्ट मैचों में से 10 में हार का सामना किया है, जिसमें पिछले साल न्यूजीलैंड के खिलाफ और अब साउथ अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सरजमीं पर क्लीन स्वीप भी शामिल है।

टेस्ट में कैसे खिलाड़ी चाहिए

गुवाहाटी में साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत की हार टेस्ट क्रिकेट में रनों के लिहाज से उसकी सबसे बड़ी हार है। उन्होंने कहा, ‘‘टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए आपको बेहद तेजतर्रार और प्रतिभाशाली क्रिकेटरों की जरूरत नहीं है। हमें सीमित कौशल वाले मजबूत मानसिकता वाले खिलाड़ियों की जरूरत है। वे अच्छे टेस्ट क्रिकेटर बनते है।’’

पीटीआई इनपुट से खबर