गुजरात टाइटंस के मुख्य कोच आशीष नेहरा ने कप्तान शुभमन गिल की फॉर्म पर जल्दबाजी में की जा रही आलोचनाओं पर नाखुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि उतार-चढ़ाव वाले टी20 प्रारूप में दो मैच के आधार पर किसी खिलाड़ी को खारिज कर देना जल्दी निष्कर्ष निकालने की बढ़ती हुई प्रवृत्ति का संकेत है। एशिया कप के दौरान उप-कप्तान के रूप में टी20 अंतरराष्ट्रीय टीम में लौटे गिल ने पिछले 10 मैच में कुल 181 रन बनाए हैं, जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 140 से कम रहा है।
पिछले दो सत्र में गुजरात टाइटंस के कोच के तौर पर गिल को करीब से देखने वाले नेहरा से पूछा गया कि क्या वह चिंतित हैं जबकि आईपीएल शुरू होने में अभी तीन महीने ही बचे हैं। अपने बेबाक अंदाज के लिए मशहूर पूर्व तेज गेंदबाज नेहरा ने कहा, ‘‘तीन महीने तो छोड़ दो, अगर आईपीएल तीन हफ्ते बाद भी होता तब भी मैं चिंतित नहीं होता क्योंकि आप टी20 जैसे प्रारूप की बात कर रहे हैं। और अगर मैं गलत नहीं हूं तो साउथ अफ्रीका के खिलाफ सिर्फ दो मैच ही खेले गए हैं।’’
संख्याओं को देखकर निष्कर्ष पर पहुंचना समस्या
नेहरा का मानना है कि भारत में आलोचना की मूल समस्या सिर्फ संख्याओं को देखकर निष्कर्ष पर पहुंच जाना है। उन्होंने कहा, ‘‘यही हमारी समस्या है। इस प्रारूप में (भले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट हो या आईपीएल) अगर शुभमन गिल जैसे खिलाड़ी को दो-तीन मैच में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने पर आंका जाए तो मुश्किल होगी।’’
वाशिंगटन सुंदर और इशान किशन से पारी का आगाज करा सकते हैं
अपनी खास व्यंग्यात्मक शैली में नेहरा ने कहा कि अगर बदलाव चाहिए तो विकल्पों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘आपके पास बहुत विकल्प हैं। अगर आप देखना चाहते हैं तो अभिषेक शर्मा और शुभमन गिल को हटा सकते हैं और साई सुदर्शन और ऋतुराज गायकवाड़ को पारी का आगाज करा सकते हैं। अगर आप इन्हें (साई और ऋतुराज) भी हटाना चाहें तो वाशिंगटन सुंदर और इशान किशन से पारी का आगाज करा सकते हैं। इसलिए विकल्प बहुत हैं। अगर आप एक-दो मैच हारते हैं या किसी बल्लेबाज या गेंदबाज के आंकड़े अच्छे नहीं हैं और आप उन्हें बदलने की बात करते हैं तो फिर मुश्किल होगी।’’
पीटीआई इनपुट से खबर
