आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 का शेड्यूल जारी होने के बाद एकबार फिर भारत-पाकिस्तान क्रिकेट संबंध चर्चा का विषय बने हुए हैं। दरअसल, विश्व कप का आयोजन 3 महीने बाद भारत में होना है और पाकिस्तानी टीम भारत में विश्व कप खेलने आएगी। हालांकि अभी पाकिस्तानी टीम भारत आने से इनकार कर रही है, लेकिन संभावना इस बात की अधिक है कि पाकिस्तानी टीम भारत आएगी। अगर ऐसा होता है तो करीब 7 साल बाद पाकिस्तानी खिलाड़ी भारत में क्रिकेट खेलेंगे।
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैचों में जब डाली गई बाधा
विश्व कप 2023 में भारत और पाकिस्तान का मुकाबला 15 अक्टूबर को होना है, जिसका मंच अभी से तैयार किया जा रहा है। आपको बता दें कि भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच सिर्फ ग्राउंड तक सीमित नहीं रहता है बल्कि इस मैच ने देश की राजनीति को भी समय-समय पर प्रभावित किया है। भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैचों के दौरान कई मौके ऐसे आए हैं, जब राजनीतिक दलों ने इसका विरोध करते हुए मैच को बाधित करना चाहा है और ज्यादातर मौकों पर यह दल सफल भी हुए हैं।
आपको बताते हैं कि किन मौकों पर भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को बाधित किया गया है।
वानखेड़े की पिच खुदवाई
90 के दशक से सन 2000 तक भारत-पाकिस्तान के मैच को बाधित करने की सफल कोशिशें हुई हैं। 1991 में शिवसैनिकों ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत-पाकिस्तान का मैच नहीं होने देने के लिए मैदान की पिच तक खोद दी थी, जिसके बाद पाकिस्तान को अपना दौरा रद्द करना पड़ा था। यह घटना भारत-पाकिस्तान वनडे सीरीज शुरू होने से दो दिन पहले हुई थी। मैच से दो दिन पहले शिवसैनिकों का एक ग्रुप वानखेड़े में जाकर पिच खोद आया था। उस वक्त बालासाहेब ठाकरे ने इस काम का समर्थन किया था।
1993 और 1994 में भी दौरा हुआ था रद्द
साल 1991 में पिच खोदे जाने के बाद पाकिस्तान का भारत दौरा रद्द हुआ था। इसके बाद 1993 और 1994 में भी पाकिस्तान के दो दौरे रद्द कर दिए गए थे। पाकिस्तान की टीम इसके बाद 1996 विश्व कप खेलने के लिए भारत आई थी। इसके एक साल बाद पाकिस्तान की टीम द्विपक्षीय श्रृंखला खेलने के लिए भारत आई थी।
1998 में जब महाराष्ट्र की सत्ता में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सरकार थी तो शिवसेना ने जनवरी 1999 में मुंबई में खेले जाने वाले भारत-पाकिस्तान टेस्ट मैच को रद्द करने की धमकी दी थी। हालांकि बीजेपी ने अपनी सहयोगी पार्टी शिवसेना की मांग का विरोध किया था, लेकिन शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की मांग के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने मैच को रद्द करने का आदेश दिया था।
1999 कोटला में बाधित हुआ था मैच
1990 और 2000 के दशक की शुरुआत में भारत और पाकिस्तान क्रिकेट संबंध कुछ अच्छे हुए थे, क्योंकि उस वक्त प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने न्यूयॉर्क में नवाज शरीफ से मुलाकात की थी और दोनों नेता जनवरी-फरवरी में 1999 में दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने के लिए सहमत हुए थे और यह सीरीज भारत में होनी थी, लेकिन शिवसेना ने इस पर भी आपत्ति जताई। दिल्ली के फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में 25 शिवसैनिकों ने पिच को खोद दिया था। इस घटना के बाद मैच नहीं हुआ था और शिवसेना ने धमकी दे दी थी कि पाकिस्तानी क्रिकेटरों को भारत में खेलने से रोकने के लिए हम किसी भी हद तक जाएंगे।
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट संबंध 2008 के बाद से फिर खराब हो गए थे। मुंबई आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में जाकर खेलना बंद कर दिया तो वहीं पाकिस्तान भी भारत नहीं आई। सिर्फ 2016 टी20 वर्ल्ड कप के लिए पाकिस्तान की टीम भारत आई थी। उसके बाद से अभी तक दोनों टीमें विदेशों में ही आपस में खेली हैं।