दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम रविवार 28 सितंबर 2025 को इतिहास रचे जाने का गवाह बनने वाला है। भारत और पाकिस्तान की टीमें 41 साल में पहली बार एशिया कप के फाइनल में आमने-सामने होंगी। क्रिकेट के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वियों के बीच यह टकराव सिर्फ एशिया कप की ट्रॉफी तक ही सीमित नहीं, बल्कि यह गर्व, जज्बे और भारतीय तिरंगे के मान का भी सवाल है।
Asia Cup, 2025
India
Pakistan
Match Yet To Begin ( Day – Final )
Match begins at 20:00 IST (14:30 GMT)
अमेरिकी राजनीतिक कार्यकर्ता और लेखक माइक मार्कुसी के शब्दों में यह ‘बिना गोलीबारी के युद्ध’ जैसा है। कागजों पर भारत टूर्नामेंट में अब तक अजेय है। रविवार को तय होगा कि तिरंगा और ऊंचा लहराएगा या पाकिस्तान इतिहास रचेगा।
महायुद्ध का मंच तैयार: मैदान से बाहर भी तनाव
क्रिकेट का यह महामुकाबला न सिर्फ एशिया, बल्कि पूरी दुनिया के करोड़ों दर्शकों को बांधेगा। यह जंग सिर्फ ट्रॉफी की नहीं, बल्कि गौरव और सम्मान की है। वर्षों से भारत-पाकिस्तान मुकाबले में रोमांच की कमी नहीं रही है, लेकिन शायद ही कभी यह इतनी उथल-पुथल भरी पृष्ठभूमि में हुआ, जब क्रिकेट के मैदान के बाहर का तनाव, उत्तेजक इशारे और दोनों पक्षों पर लगे जुर्माने इससे जुड़े हुए प्रतीत हों।
इसमें आग में घी डालने का काम पाकिस्तानी गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने किया। मोहसिन नकवी अपनी ‘एक्स’ टाइमलाइन पर लगातार भड़काऊ पोस्ट डालते रहे हैं। वह पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) और एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के प्रमुख भी हैं। रविवार के मुकाबले को शायद शिष्टाचार के लिए कम और नतीजे के लिए अधिक याद किया जाएगा।
भारत अजेय, लड़खड़ाता पाकिस्तान: सूर्या और गंभीर का सबसे बड़ा इम्तिहान
लगातार छह जीत के दौरान सिर्फ श्रीलंका ही उसे सुपर ओवर तक ले जा पाई है। इसके विपरीत पाकिस्तान लड़खड़ाता हुआ फाइनल तक पहुंचा। भारत पहले ही ग्रुप और सुपर-4 मुकाबलों में पाकिस्तान को मात दे चुका है, लेकिन फाइनल की जंग हमेशा अलग होती है। यही वजह है कि कप्तान सूर्यकुमार यादव और कोच गौतम गंभीर के सामने अब तक का सबसे बड़ा इम्तिहान है।
यही वजह है कि टीम इंडिया न सिर्फ अपने खिताब का बचाव करना चाहेगी, बल्कि उस बयान को भी साबित करना चाहेगी, जिसमें कप्तान ने कहा था कि पाकिस्तानी टीम भारत के आसपास भी नहीं है। पुरानी कहावत है, ‘अंत भला तो सब भला।’ भारत के लिए केवल एक ही स्वीकार्य अंत है: पाकिस्तान पर जीत, चाहे वह अच्छी लगे या खराब।
टीम इंडिया की अभिषेक शर्मा पर अत्यधिक निर्भरता
भारत का अपराजित अभियान सहज रहा, लेकिन चोटों से मुक्त नहीं। श्रीलंका के खिलाफ हार्दिक पंड्या को पैर की मांसपेशियों में चोट के कारण मैदान से बाहर जाना पड़ा, जबकि अभिषेक शर्मा को भी गर्मी में ऐंठन की शिकायत हुई। हालांकि, गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने साफ किया कि हार्दिक और अभिषेक को ऐंठन हुई है। अभिषेक ठीक हैं। यह खबर राहत देने वाली है, क्योंकि बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 6 मैच में 309 रन बनाकर अकेले ही भारतीय बल्लेबाजी का भार उठाया है। यह अंतर साफ दिख रहा है, क्योंकि तिलक वर्मा 144 रन के साथ दूसरे नंबर पर हैं।
सूर्यकुमार समेत अन्य भारतीय बल्लेबाजों पर सवाल
सवाल यह है कि क्या भारत के बाकी खिलाड़ी अभिषेक का बखूबी साथ निभा पाएंगे। सूर्यकुमार यादव से बड़ी पारी की उम्मीद है। शुभमन गिल मुकाबले को खत्म नहीं कर पा रहे, जबकि संजू सैमसन और तिलक वर्मा जैसे खिलाड़ी श्रीलंका के खिलाफ महज औपचारिकता के मैच में ही अच्छा प्रदर्शन कर पाए हैं। अब तक अभिषेक ने पावरप्ले में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन अगर वह असफल रहे तो क्या होगा? पूरे टूर्नामेंट के दौरान अभिषेक के अलावा अन्य बल्लेबाज बिल्कुल भी विश्वसनीय प्रदर्शन नहीं कर पाए। शीर्ष क्रम के लड़खड़ाने पर कोई भी ‘प्लान बी’ के बारे में नहीं जानता।
पाकिस्तान की सबसे बड़ी कमजोरी
अगर भारत अभिषेक पर बहुत अधिक निर्भर है तो पाकिस्तान की कमजोरियां और भी अधिक स्पष्ट हैं। टीम का बल्लेबाजी क्रम काफी प्रभावी नहीं रहा। जसप्रीत बुमराह को कुछ समय परेशान करने वाले साहिबजादा फरहान के अलावा अन्य बल्लेबाज दमदार प्रदर्शन नहीं कर पाए। सैम अयूब का अभियान बेहद निराशाजनक रहा। वह चार बार शून्य पर आउट हुए। एक समय तो टूर्नामेंट में उनके नाम पर रन से ज्यादा विकेटें थीं। हुसैन तलत और सलमान अली आगा भारतीय स्पिनरों के सामने लड़खड़ा गए।
भारतीय स्पिनर तय करेंगे नतीजा?
भारत बनाम पाकिस्तान फाइनल मैच फिर कुलदीप यादव और वरुण चक्रवर्ती की चतुराई से तय हो सकता है। पाकिस्तान की उम्मीदें नई गेंद से उसके खिलाड़ियों के आक्रामक प्रदर्शन पर टिकी हैं। अगर शाहीन शाह अफरीदी और हारिस रऊफ भारत के शीर्ष क्रम को जल्दी ध्वस्त कर देते हैं तो यह कम स्कोर वाला मुकाबला हो सकता है, लेकिन अभिषेक पर भारत की अत्यधिक निर्भरता की तरह शाहीन और रऊफ को भी अच्छे साथी गेंदबाजों की कमी खल रही है।
भारत-पाकिस्तान के बीच खेले गए खिताबी मुकाबलों (एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और टी20 इंटरनेशनल) की बात करें तो पड़ोसी मुल्क का पलड़ा भारी रहा है। हालांकि, यह इतिहास है। खेल के मैदान पर जिस दिन जो बेहतर खेलता है वह जीतता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण 2017 चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल है। पूरे टूर्नामेंट में अजेय विराट कोहली की टीम फाइनल में पाकिस्तान से हार गई।
कागजों में पाकिस्तान का पलड़ा भारी
भारत और पाकिस्तान की टीमें 1985 से 2017 के बीच 12 बार फाइनल (एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और टी20 इंटरनेशनल) में आमने-सामने हुई हैं। इनमें से पाकिस्तान क्रिकेट टीम आठ बार जीती है। भारत केवल 4 बार जीता है। टी20 में केवल एक बार दोनों टीमें फाइनल में भिड़ी हैं। टी20 विश्व कप 2007 के फाइनल में भारत ने जीत हासिल की थी। पाकिस्तान ने 1986, 1991, 1994, 1998, 1999 (दो बार), 2008 और 2017 में जीत दर्ज की है। भारत ने 1985, 1998 (दो बार) और 2007 में जीत हासिल की है।