भारत और न्यूजीलैंड के बीच 2 मैच की सीरीज का आखिरी टेस्ट 3 दिसंबर से मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला जाना है। कानपुर के ग्रीनपार्क स्टेडियम में खेला गया पहला टेस्ट मैच ड्रॉ रहा था। मार्च 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद से यह पहला मौका है, जब टीम इंडिया घरेलू मैदान पर खेली जा रही सीरीज के आखिरी मैच में बिना बढ़त के साथ उतर रही है।

विश्व टेस्ट चैंपियन न्यूजीलैंड पहला टेस्ट ड्रॉ कराने में सफल रही। टीम इंडिया ने फरवरी 13 के बाद से घरेलू मैदान पर अब तक 13 द्विपक्षीय टेस्ट सीरीज खेली हैं और सभी को अपने नाम किया है। यदि मुंबई में खेला जाना वाला टेस्ट ड्ऱॉ हो गया तो टीम इंडिया का विजय रथ रुक जाएगा। यही वजह है कि मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में दोनों टीमों का सामना टर्निंग ट्रैक से हो सकता है।

मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) के एक सूत्र ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘पिच पहले दिन से स्पिनर्स की मदद करेगी। हम घरेलू टीम की मजबूती को देखते हुए पिच तैयार कर रहे हैं।’ जाहिर है पिच का स्पिनर्स को मदद करना केवल न्यूजीलैंड के लिए प्लेइंग इलेवन चुनना सिरदर्द साबित होगा।

कानपुर में, कीवी टीम ने विलियम सोमरविले को दूसरे स्पिनर के रूप में प्लेइंग इलेवन में शामिल करने के लिए 54 टेस्ट मैच का अनुभव रखने वाले बाएं हाथ के तेज गेंदबाज नील वैगनर को ड्रॉप कर दिया था। सोमरविले का वह कुल मिलाकर पांचवां और भारत में उनका पहला टेस्ट था।

न्यूजीलैंड की पहली पसंद के धीमे गेंदबाज बाएं हाथ के स्पिनर एजाज पटेल भी जन्मस्थली पर अपना पहला टेस्ट खेल रहे थे। उनका टेस्ट करियर का 10वां मैच था। दोनों स्पिनर भारतीय बल्लेबाजों पर निरंतर दबाव बनाने में विफल रहे।

सोमरविले ने दोनों पारियों में 98 रन दिए, लेकिन उन्हें एक भी सफलता हाथ नहीं लगी। एजाज दोनों पारियों में 150 रन देकर सिर्फ 3 विकेट हासिल कर पाए। भारत की ओर से स्पिनर्स रविचंद्रन अश्विन (3+3), अक्षर पटेल (5+1) और रविंद्र जडेजा (1+4) ने दोनों पारियों में 17 विकेट हासिल किए।

हालांकि, कप्तान केन विलियमसन ने एजाज और समरविले का का बचाव किया था। उन्होंने बताया था कि उनकी तैयारी आदर्श से बहुत दूर थी। विलियमसन ने कानपुर टेस्ट के बाद कहा था, ‘हमारे पास जो स्पिनर हैं, वे कई मैच और इस तरह की परिस्थितियों में हमारे लिए उत्कृष्ट साबित हुए हैं।’

वानखेड़े स्टेडियम ने फरवरी 2020 के बाद से प्रथम श्रेणी मैच तक की मेजबानी नहीं की है। यहां आखिरी टेस्ट मैच दिसंबर 2016 में भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया था। अगले कुछ दिनों में मौसम का पूर्वानुमान एमसीए को परेशान कर रहा है।

मुंबई में बुधवार और गुरुवार को उत्तरी महाराष्ट्र तट से दूर अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण बारिश होने की संभावना है। इसका मैच पर ज्यादा असर नहीं होना चाहिए, क्योंकि शुक्रवार तक आसमान में सिर्फ बादल छाए रहने का पूर्वानुमान है। हालांकि, एमसीए की आशंका यह है कि जनवरी 2020 के बाद से मुंबई के पहले अंतरराष्ट्रीय मैच के लिए खराब मौसम पिच की तैयारियों को प्रभावित कर सकता है।

एमसीए के सूत्र ने कहा, ‘हमारे लिए सबसे बड़ी चिंता मौसम का पूर्वानुमान है। अगर बारिश होती है, तो हम फिर से पिच को पानी नहीं दे पाएंगे। अभी के लिए, ग्राउंड्समैन पिच को पानी दे रहे हैं, लेकिन उस पर रोलर का इस्तेमाल नहीं करेंगे, क्योंकि इससे सतह कड़ी हो सकती है।’

सूत्र ने बताया, ‘अगर यह बारिश के बीच कवर के नीचे रहता है और वे (ग्राउंड्सेन) इसे आगे पानी देने में असमर्थ रहते हैं तो इसका मतलब है कि पिच काफी सूखी हो सकती है, जिससे वह जल्दी टूट सकती है।’