संदीप द्विवेदी, श्रीराम वीरा। मास्टर ब्लास्ट सचिन तेंदुलकर ने बताया कि इंग्लैंड में 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में सफल होने के लिए भारतीय बल्लेबाजों को क्या करना होगा? इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि तेंदुलकर ने कहा कि भारतीय बल्लेबाजों को फॉरवर्ड डिफेंस पर भरोसा जताना होगा। शरीर से बहुत दूर नहीं खेलना होगा। रोहित शर्मा और विराट कोहली की अनुपस्थिति में नए बल्लेबाजी क्रम को इंग्लैंड की कठिन परिस्थितियों की चुनौतियों से निपटना होगा।
सचिन तेंदुलकर बताते हैं कि गेंद को देर से,लेकिन आत्मविश्वास के साथ खेलने से युवा बल्लेबाजी क्रम के लिए सफलता के द्वार खुलेंगे। तेंदुलकर ने इंटरव्यू में बताया कि इंग्लैंड में सफल होने के लिए कप्तान शुभमन गिल, ऋषभ पंत, यशस्वी जायसवाल, साई सुदर्शन और करुण नायर को सफल होने के लिए क्या करना होगा? उन्होंने यह भी बताया कि इन बल्लेबाजों को क्या नहीं करना होगा?
आइए जानते हैं इसके बारे में:
- शुभमन गिल: उनकी चुनौती यह है कि जब ड्राइव करने के लिए लेंथ न हो तो बल्ला न चलाए। ‘V’ में खेलें, फ्रंट फुट पर बढ़िया स्ट्राइड लें और अच्छी तरह से ड्राइव करें – ड्राइविंग इसका एक्सटेंशन है।
- ऋषभ पंत: अगर वह क्रीज के बाहर खड़े होते हैं तो सावधानी से गार्ड लें। जितना अधिक वह क्रीज से बाहर खड़े होंगे, उतना ही उन्हें ऑफ स्टंप की ओर आना होगा।
- यशस्वी जायसवाल: गेंद को देर से खेलने के लिए बैट स्विंग की स्पीड में बदलाव किया जा सकता है, क्योंकि बैट स्पीड दिमाग में रहती है।
- साई सुदर्शन: यदि वह अपने वर्टिकल बैट-शॉट्स के साथ अपने हाथों को शरीर के करीब रखना जारी रख सके, तो वह ठीक करेंगे।
- करुण नायर: उन्होंने काउंटी क्रिकेट खेला है। उन्हें पता है कि कब तेजी से रन बनना है और कब धीमा होना है। जब गेंद पुरानी होती है तो स्विंग तो हो सकती है, लेकिन पिच से बहुत ज्यादा उछाल नहीं आता। तब वह अटैक कर सकते हैं।