भारतीय तेज गेंदबाज आकाश दीप को शुक्रवार को भारतीय टीम के लिए डेब्यू का मौका मिला। टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ रांची टेस्ट में बंगाल के इस खिलाड़ी को प्लेइंग इलेवन में चुना। आकाशदीप भारत के लिए टेस्ट खेलने वाले 313वें खिलाड़ी बने। उन्हें टीम के पूर्व कप्तान और मौजूदा हेड कोच राहुल द्रविड़ ने कैप थमाई। आकाश को कैप थमाते हुए द्रविड़ भी भावुक हो गए। उन्होंने आकाश को संघर्ष भरे रास्तों पर चलते हुए कामयाबी हासिल करने पर बधाई दी।

द्रविड़ ने सुनाई आकाशदीप के संघर्ष की कहानी

राहुल द्रविड़ ने इस तेज गेंदबाज को डेब्यू कैप सौंपते हुए कहा, ‘आकाश तुम्हारा गांव से शुरू हुआ। बड्डी से। यहां से 200 किमी। इस यात्रा में आपने बहुत कष्ट झेले हैं।बहुत मेहनत की है, बहुत उतार-चढ़ाव देखे हैं। बड्डी से आप क्रिकेट खेलने दिल्ली गए। 2007 के वर्ल्ड कप से प्रेरित हुए। आप दिल्ली में अकेले रहे, बहुत कोशिश की लेकिन वहां आपका कुछ नहीं हुआ तो वहां से बंगाल गए। घरेलू क्रिकेट खेला आपने। यहां आपने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया।

द्रविड़ ने आकाशदीप के पिता और भाई को किया याद

द्रविड़ ने आगे कहा, ‘आपका सफर घूम कर एक बार फिर यहीं पहुंच गया है। आपके गांव से 200 किमी दूर। यहां से पास ही है। यहां पर आपको यह इंडिया का कैप मिलने वाली है। बहुत खुशी की बात है कि आज के दिन आपकी मम्मी यहां पर है. आपके परिवार के लोग यहां पर हैं। दुख की ये बात है कि आपके पिताजी नहीं रहे, बड़े भाई नहीं रहे। पर वे दोनों जहां पर भी हैं आपको आशीर्वाद दे रहे होंगे। हमारी पूरी टीम भी आपको शुभमकामनाएं देती है। आपको मुबारकबाद देती है। आप खेल को इंजॉय करें। यह पांच दिन और अपना पूरा करियर खूब मेहनत करो। ’

आकाशदीप ने मां से लिया आशीर्वाद

आकाशदीप टेस्ट कैप लेने के बाद अपनी मां के पास गए। उन्होंने मां के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। उनकी बहनें भी साथ नजर आई। आकाशदीप की मां ने कहा कि बेटे को टीम इंडिया में देखकर उन्हें जो खुशी हो रही है वह उसे व्यक्त भी नहीं कर सकती। वहीं आकाशदीप का ध्यान पूरी तरह खेल पर ही था। उन्होंने कहा, ‘अपने घर पर कैप मिलना बहुत सुखद एहसास है लेकिन इसके साथ ही मुझ पर जिम्मेदारी भी है। मेरा पूरा ध्यान फिलहाल मैच पर है।’