IND vs ENG: इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच की प्लेइंग इलेवन में शार्दुल ठाकुर को नितीश कुमार रेड्डी की जगह टीम में जगह दी गई, लेकिन शार्दुल को अंतिम ग्यारह में जगह देने के बाद पूर्व भारतीय क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू भारतीय टीम मैनेजमेंट के इस फैसले से खुश नजर नहीं आए और इसकी आलोचना की। चौथे टेस्ट मैच के पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद सिद्धू ने शार्दुल की टीम में शामिल करने के भारतीय टीम की योजना पर सवाल उठाए।
शार्दुल जैसे खिलाड़ी आपको मैच नहीं जीता सकते
अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में सिद्धू ने शार्दुल ठाकुर को बिट्स एंड पीसेज क्रिकेटर करार दिया और कहा कि ऐसे खिलाड़ी टीम को मैच नहीं जिता सकते। सालों पहले पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने रविंद्र जडेजा को भी इसी नाम से संबोधित किया था, लेकिन बाद में उनके ऑलराउंड प्रदर्शन ने उन्हें चुप करा दिया था। सिद्धू ने दावा किया कि अगर ठाकुर आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक भी जड़ देते हैं, तो भी भारत को एक विशेषज्ञ क्रिकेटर की जरूरत है ना कि बिट्स एंड पीसेज।
भारतीय टीम ने किया समझौता
सिद्धू ने कहा कि एक परेशानी ये है कि अगर शार्दुल 8वें नंबर पर अर्धशतक भी बना लेते हैं, तो भी वनडे क्रिकेट में छोटे-छोटे गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन करते हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में आपको हमेशा विशेषज्ञों की जरूरत होती है। अगर आप शार्दुल को आठवें नंबर पर गेंदबाज के रूप में ला सकते हैं, तो मैं मानूंगा कि ये सही चयन है, लेकिन अगर आप उनसे पर्याप्त गेंदबाजी नहीं करवाते और फिर बल्लेबाजी बढ़ाने के लिए अपनी गेंदबाजी से समझौता कर लेते हैं तो मुझे नहीं लगता कि छोटे-छोटे गेंदबाज आपको विदेश में कभी मैच जिता पाएंगे।
भारत के पक्ष में ये फैसला नहीं जाएगा
सिद्धू ने आगे कहा कि अगर टॉप के 7 बल्लेबाज रन नहीं बना पा रहे हैं, तो बल्लेबाजी के लिहाज से शार्दुल का आठवें नंबर पर कोई फायदा नहीं है। उन्होंने दावा किया कि ठाकुर को अंतिम एकादश में शामिल करने का फैसला एक समझौता था जो भारत के पक्ष में नहीं जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इसका क्या मकदस है। 8वें नंबर पर जो खिलाड़ी है क्या आप चाहते हैं कि वो आपके 5 विकेट दिलाए या बैटिंग में गहराई दे। अगर आप बल्लेबाजी में गहराई चाहते हैं और उससे मैच जीत सकते हैं, तो क्या वो 200 रन (लॉर्ड्स में 193 रन) हासिल नहीं किए जाते। अगर 7 बल्लेबाज ऐसा नहीं कर सकते, तो 8 बल्लेबाज भी नहीं कर पाएँगे। मैं यह बात बार-बार दोहरा रहा हूं और मुझे लगता है कि यह फिर से एक समझौता है साथ ही ये भारत के पक्ष में नहीं जाएगा।