देवदत्त पडीक्कल ने इंग्लैंड के खिलाफ 5वें टेस्ट मैच के जरिए अपने इंटरनेशनल टेस्ट क्रिकेट करियर का आगाज किया और धर्मशाला में खेले जा रहे इस टेस्ट मैच की पहली पारी में शानदार अर्धशतक लगाया। देवदत्त पडीक्कल को धर्मशाला टेस्ट मैच की प्लेइंग इलेवन में तब शामिल किया गया जब रजत पाटीदार को मैच से ठीक पहले इंजरी हो गई थी।
देवदत्त के लिए यह काफी अच्छा मौका था और घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रहे देवदत्त से अच्छी पारी की उम्मीद भी थी जिस पर वह खड़े उतरे और अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित किया। हालांकि देवदत्त के पास शतक लगाने का भी अच्छा मौका था क्योंकि वह क्रीज पर पूरी तरह से जम चुके थे और अच्छे शॉट्स भी लगा रहे थे, लेकिन शोएब बशीर की एक गेंद पर वह चकमा खा बैठे और बोल्ड हो गए।
डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में देवदत्त ने लगाया अर्धशतक
धर्मशाला टेस्ट की पहली पारी में देवदत्त को चौथे क्रम पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया और उन्होंने टीम को निराश नहीं किया। देवदत्त से पहले इस पारी में यशस्वी जायसवाल ने 57 रन, रोहित शर्मा ने 103 रन, शुभमन गिल ने 110 रन और सरफराज खान ने 56 रन की पारी खेली थी। इसके बाद उन्होंने भी अर्धशतक लगा दिया और भारत की सभी टॉप 5 बल्लेबाजों ने इस पारी में 50 रन से ज्यादा की पारी खेली और टीम इंडिया को इससे काफी मजबूती मिली।
इस मैच में देवदत्त पडीक्कल ने अपना अर्धशतक छक्का लगाकर पूरा किया जब वह 44 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद थे। वहीं उन्होंने इस मैच में 103 गेंदों का सामना किया और 65 रन की अच्छी पारी खेली। उन्होंने अपनी इस पारी के दौरान एक छक्का और 10 शानदार चौके लगाए और 65 रन में से सिर्फ बाउंड्री के जरिए 46 रन जुटाए यानी एक, दो और तीन रन के जरिए उन्होंने 19 रन बनाए। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह किस अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे थे और अगर वह टिक जाते तो भी इंग्लैंड के गेंदबाजों का क्या हाल करते।