भारत-इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी 4 टेस्ट के बाद रोमांचक मोड़ पर है। इंग्लैंड सीरीज में 2-1 से आगे है। आखिरी टेस्ट केनिंग्टन ओवल में 31 जुलाई से खेला जाएगा। लंदन के केनिंग्टन ओवल स्टेडियम का नाम भारतीय क्रिकेट के पन्नों मेंस्वर्णिम अक्षरों में अंकित है। भारत ने 54 साल पहले इंग्लैंड में पहला टेस्ट जीता था। 19 से 24 अगस्त 1971 के बीच खेले गए इस टेस्ट को जीतने के अंग्रेजों की सरजमीं पर पहली बार टेस्ट सीरीज भी अपने नाम किया था।
इंग्लैंड में गर्मियों का यह सेकंड हाफ था और ओवल की पिच हमेशा की तरह स्पिनर्स के लिए अनुकूल थी। भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करना पसंद करती, लेकिन अजीत वाडेकर टॉस हार गए और रे इलिंगवर्थ ने पहले बल्लेबाजी की। इंग्लैंड पहले दिन 355 रन पर ऑल आउट हो गया। दूसरा दिन बारिश की भेंट चढ़ा। तीसरे दिन के अंत में भारत ने 7 विकेट पर 234 रन बनाए। चौथे दिन सुबह उनकी पारी 284 पर समाप्त हुई।
चंद्रशेखर का जादू चला
इंग्लैंड ने लंच से कुछ देर पहले अपनी दूसरी पारी शुरू की और फिर ओवल में लंबे बालों वाले भागवत सुब्रमण्य चंद्रशेखर की फिरकी का जादू देखने को मिला। इंग्लैंड 101 रन पर ऑल आउट हो गया। चंद्रशेखर ने 18.1 ओवर में 38 रन देकर 6 विकेट लिए। भारत के पास दोपहर का बाकी समय और अगला पूरा दिन था। इसमें उसे 173 रन बनाकर इंग्लैंड में अपनी पहली जीत दर्ज करनी थी। चौथे दिन का खेल समाप्त होने तक भारत ने 2 विकेट पर 76 रन बनाए थे। जीत के लिए 97 रन चाहिए थे।
हाथी लेकर ओवल स्टेडियम पहुंचे
ओवल टेस्ट मैच के 5वें दिन मंगलवार को गणेश चतुर्थी थी। ऐसे में भारतीय फैंस चेसिंगटन चिड़ियाघर से बेला नाम की हाथी लेकर ओवल स्टेडियम पहुंचे। फैंस का मानना था कि हाथी की मौजूदगी से भारत के लिए शुभ होगा। वह यह मैच जीत जाएगा। द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार दिन का खेल शुरू होने से पहले भारतीय ड्रेसिंग रूम में मैनेजर हेमू अधिकारी और कप्तान अजीत वाडेकर अपनी टीम के लिए जरूरी 97 रन बनाने की संभावनाओं पर चर्चा कर रहे थे। तभी अधिकारी ने मैदान पर एक हाथी को टहलते हुए देखा। वाडेकर के अनुसार अधिकारी ने कहा,”गणेश चतुर्थी को देखते हुए, यह एक शुभ संकेत है।”
अजीत वाडेकर सो गए
अजीत वाडेकर ने कहा, “मैं अपने स्कोर 45 रन से आगे बल्लेबाजी करने उतरा। मेरी उम्मीदें दोगुनी हो गई थीं और पहली ही गेंद पर रन आउट हो गया। पवेलियन लौटते हुए मैंने भगवान गणेश से जीत के लिए प्रार्थना की, क्योंकि उस सुबह उन्होंने दर्शन देकर हमारे लिए आशाएं जगाई थीं। बाकी सब इतिहास है।” हालांकि, भारत को इतिहास रचते वाडेकर नहीं देख पाए। वह पवेलियन लौटने के बाद सो गए थे। आबिद अली का विनिंग शॉट वह नहीं देख पाए।
भारत में हुआ स्वागत
वाडेकर को जीत की जानकारी इंग्लैंड के मैनेजर केन बैरिंगटन ने दी। बैरिंगटन ने उन्हें बधाई देने के लिए जगाया। ओवल स्टेडियम में गजब नजारा था। कैंपबेल पेज ने ऑब्जर्वर में लिखा,” ऐसा लग रह था लंदन में हर भारतीय पर्यटक, व्यापारी, वेटर और स्कूली छात्र ओवल में मौजूद था।” जब टीम भारत लौटी तो उनकी विमान को दिल्ली मोड़ दिया गया ताकि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उन्हें व्यक्तिगत रूप से बधाई दे सकें। फिर टीम मुंबई पहुँची, जहां लगभग 15 लाख लोग सड़कों पर खड़े थे और उन पर फूल फेंक रहे थे, जब उन्हें खुली कारों में क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया में एक स्वागत समारोह में ले जाया जा रहा था।