भारत ने इंग्लैंड को 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरे मैच में रविवार (6 जुलाई) को हराकर इतिहास रचा और बैजबॉल की हेकड़ी निकाल दी। भारतीय टीम को शुभमन गिल की कप्तानी में पहली जीत मिली। 58 साल का सूखा खत्म करते हुए बर्मिंघम में भारतीय टीम पहली बार जीती। यह जीत भारत के कोच गौतम गंभीर के लिए संजीवनी का काम करेगी, जिनके जुड़ने के बाद लाल गेंद के क्रिकेट में भारतीय टीम का बुरा हाल है।

अंग्रेजों पर भारी पड़ी खुद की चाल

बेन स्टोक्स के कप्तान और ब्रेंडन मैकुलम के कोच बनने के बाद इंग्लैंड की टीम ने टेस्ट क्रिकेट में अलग ही रणनीति अपनाई है। स्टोक्स की टीम बार-बार अक्रामक बल्लेबाजी करके किसी भी स्कोर को चेज करने का दंभ भरती है। लीड्स में खेले गए पहले टेस्ट में उसने बड़ा स्कोर चेज भी कर लिया था, लेकिन दूसरे मैच में वे खुद की चाल में फंस गए। पहले मैच में भारत की बल्लेबाजी अच्छी रही थी, वह 5 शतक के बाद भी हार गया था। हार की वजह गेंदबाजी और खराब फील्डिंग रही।

अतिआत्मविश्वास का शिकार

इंग्लैंड की टीम इस जीत के बाद आत्मविश्वास से लबरेज थी। उसने पाटा विकेट पर एक बार फिर टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और अतिआत्मविश्वास का शिकार हो गई। भारत ने कप्तान शुभमन गिल के दोहरे शतक की मदद से 587 रन बनाए। इसके बाद मोहम्मद सिराज और आकाशदीप की शानदार गेंदबाजी के बदौलत इंग्लैंड को 407 रन पर आउट करके 180 रन की बढ़त हासिल की। भारत ने दूसरी पारी में शुभमन गिल के शतक की मदद से 6 विकेट पर 427 रन बनाकर पारी घोषित की। भारत ने इंग्लैंड को 608 का लक्ष्य दिया। एक बार फिर आकाशदीप ने कहर बरपाया। इंग्लैंड को 336 रन से हार का सामना करना पड़ा।

बैजबॉल की हेकड़ी निकली

बेन स्टोक्स से लेकर हैरी ब्रूक तक इंग्लैंड के खिलाड़ी अक्सर बात करते हैं कि वे किसी भी टारगेट को चेज करने के लिए तैयार हैं। वे कोई भी लक्ष्य हासिल करने के लिए जाएंगे। स्टोक्स ने 2022 में बर्मिंघम में ही रिकॉर्ड 378 रन का लक्ष्य हासिल करने के बाद कहा था कि उनकी टीम चाहती थी कि भारत 450 रन की बढ़त हासिल करे। इंग्लैंड की टीम 2024 की शुरुआत में भारत दौरे पर आई थी। विशाखापत्तनम टेस्ट में जेम्स एंडरसन ने कहा था कि इंग्लैंड की टीम 600 का लक्ष्य भी मिलने पर हासिल करने की कोशिश करेगी। 399 रन का लक्ष्य चेज करते हुए इंग्लैंड टीम 292 पर आउट हो गई। उसे 107 रन से हार का सामना करना पड़ा।

इंग्लैंड की टीम को रणनीति पर विचार करना होगा

लीड्स टेस्ट के इंग्लैंड व्हाइट बॉल क्रिकेट में पूर्व कप्तान जोस बटलर ने कहा था कि इंग्लैंड की टीम 450 रन का लक्ष्य भी हासिल कर लेती। बर्मिंघम टेस्ट के तीसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद हैरी ब्रूक ने कहा था कि विश्व का हर व्यक्ति जानता है कि लक्ष्य कितना भी बड़ा हो इंग्लैंड इसे हासिल करने की कोशिश करेगा। भारत के गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने चौथे दिन का खेल समाप्त होने के बाद ब्रूक के बयान को याद दिलाते हुए चुटकी ली थी। बर्मिंघम में हार के बाद इंग्लैंड की टीम को रणनीति पर विचार करना होगा। बड़ा सवाल यह है कि क्या अंग्रेज लॉर्ड्स में भी पाटा विकेट पर ही खेलेंगे?

बर्मिंघम में पहली बार जीता भारत

बर्मिंघम में इस टेस्ट मैच से पहले भारत का रिकॉर्ड काफी खराब था। 1967 से 2022 के बीच भारतीय टीम 8 में से 7 मैच हारी थी। 1986 में एक मैच ड्रॉ हुआ था। 2022 में भारत जब हारा था तब जसप्रीत बुमराह पहली बार टेस्ट में कप्तानी कर रहे थे। ऐसे में शुभमन गिल की कप्तानी में 58 साल का सूखा खत्म करते हुए भारतीय टीम ने जीत हासिल की।

गौतम गंभीर को संजीवनी

बर्मिंघम टेस्ट से पहले भारतीय टीम के कोच गौतम गंभीर सवालों के घेरे में थे। प्लेइंग 11 में कुलदीप यादव को नजरअंदाज करके वाशिंगटन सुंदर को खिलाना हो या साई सुदर्शन को ड्रॉप करके करुण नायर को नंबर3 पर मौका देने गंभीर की खूब आलोचना हुई। वर्कलोड मैनेजमेंट के कारण जसप्रीत बुमराह के न खेलने को लेकर भी सवाल हुए। हालांकि, उनकी जगह प्लेइंग 11 में आए आकाशदीप इस जीत के नायकों में से एक रहे।

2025 में पहली जीत

गौतम गंभीर की कोचिंग में भारत का रिकॉर्ड बढ़िया नहीं है। घर में न्यूजीलैंड से क्लीन स्वीप तक झेलनी पड़ी। भारत को 12 में से 7 टेस्ट में हार मिली है। वह 4 मैच जीती है और 1 मैच ड्रॉ रहा है। भारतीय टीम ने 4 मैच गंवाने और 1 ड्रॉ के बाद जीत दर्ज की। 2025 में उसे टेस्ट में पहली जीत मिली। इससे पहले वह 2 टेस्ट हारी थी।