संजू सैमसन ने शनिवार (13 अक्टूबर) को टी20 क्रिकेट में दूसरे सबसे तेज शतक लगाने वाले भारतीय खिलाड़ी बने। उनकी पारी की मदद से भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ रिकॉर्ड 297 रन बनाए। हालांकि, खेल से पहले वह खराब फॉर्म से गुजर रहे थे। 29 वर्षीय इस खिलाड़ी ने बताया कि जुलाई में श्रीलंका के खिलाफ दो बार शून्य पर आउट होने के बाद उन्हें इस बात पर संदेह था कि फिर मौका मिलेगा या नहीं? शतक लगाने के बाद संजू ने टीम मैनेजमेंट को भरोसा जताने और मौका देने के लिए धन्यवाद कहा।

हालांकि, अगर कोई सोच रहा है कि शतक लगा देने के बाद भारतीय टीम में संजू सैमसन की जगह पक्की हो गई है, तो उसे भम्र नहीं पालना चाहिए। संजू को मौका मिला क्योंकि यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ियों को बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में नहीं चुना गया। साउथ अफ्रीका दौरे पर टी20 सीरीज में भी इन खिलाड़ियों के न खेलने की संभावना है। ऐसे में संजू को इस सीरीज में मौका मिल सकता है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इनकी वापसी के बाद क्या संजू को मौका मिलेगा? हालांकि, संजू ने शतक के बाद कहा कि कप्तान सूर्यकुमार यादव और कोच गौतम गंभीर ने कहा है कि कुछ भी हो वे उन्हें बैक करेंगे।

क्यों उठ रहा सवाल

पिछले साल दिसंबर में वनडे में संजू सैमसन ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ शतक जड़ा था। इसके बाद उन्हें श्रीलंका दौरे पर भारत की अगली वनडे सीरीज में चुना ही नहीं गया। कारण कप्तान रोहित शर्मा, विराट कोहली और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ियों की वापसी। टी20 से बाहर चल रहे केएल राहुल वनडे में कीपिंग करते हैं। ऐसे में पंत की वापसी हुई और सैमसन 15 से बाहर हो गए। ऐसा केवल सैमसन के साथ नहीं है। इशान किशन दोहरा शतक लगाकर बेंच पर बैठ चुके हैं।

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शतक के बाद संजू ने क्या कहा?

सैमसन ने कहा, “श्रीलंका में दो बार शून्य पर आउट होने के बाद मुझे संदेह था कि क्या मुझे मौका मिलेगा? मानसिक रूप एक भारतीय क्रिकेटर को बहुत कुछ से गुजरना पड़ता है, खासकर इस प्रारूप में जहां एक बल्लेबाज सफलता की तुलना में असफलता का स्वाद अधिक चखता है। आपको आक्रामक बने रहना होता है और स्कोरिंग विकल्पों पर ध्यान देना होता। जोखिम अधिक है और जब जोखिम अधिक होता है तो असफलताएं भी खूब होती हैं।”

कप्तान और कोच से संजू को मिला भरोसा?

सैमसन ने कहा, “कप्तान और कोच ने मुझे हर तरह से समर्थन दिया है। अगली सीरीज में भी उन्होंने मेरा समर्थन किया और कहा कि हम तुम्हारा समर्थन करते रहेंगे, चाहे कुछ भी हो। मुझे लगता है कि हम एक बैटिंग ग्रुप के तौर पर हर विपक्षी टीम पर हावी होने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सीरीज से तीन हफ्ते पहले मुझे नेतृत्व समूह से यह संदेश मिला कि मैं ओपनिंग करूंगा। इससे मुझे उचित तैयारी के लिए समय मिला। मैं आरआर एकेडमी में गया और नई गेंदों के खिलाफ खूब खेला। यह थोड़ा मददगार रहा कि मैं अन्य सीरीज की तुलना में सीरीज में 10% अधिक तैयार था।”