प्रत्यूष राज। पश्चिमी दिल्ली (West Delhi) में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर कोई नई बात नहीं है। आप पेड़ को हिलाएंगे तो कोई भारतीय क्रिकेटर गिर सकता है। पूर्व कप्तान विराट कोहली, टीम इंडिया के मौजूदा हेड कोच गौतम गंभीर, इशांत शर्मा, वीरेंद्र सहवाग और आशीष नेहरा सभी पश्चिमी दिल्ली के इलाके से हैं।
अब रविवार (6 अक्टूबर) को पश्चिमी दिल्ली के रहने वाले 22 वर्षीय मयंक यादव और हर्षित राणा बांग्लादेश के खिलाफ ग्वालियर में होने वाले पहले टी20 मैच में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू कर सकते हैं। तेज गेंदबाज मयंक, पश्चिमी दिल्ली के मोतीनगर से हैं, जहां विराट कोहली का बचपन गुजरा है। हर्षित ने अपना पूरा जीवन नजफगढ़ के नजदीक घेवरा गांव में गुजारा है, जहां से वीरेंद्र सहवाग आते हैं।
चोट से उबरने के बाद मयंक को सीनियर टीम में जगह मिल गई है, जबकि हर्षित इस साल जुलाई में जिम्बाब्वे में पांच मैचों की टी20 सीरीज जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे। रविवार को मयंक पदार्पण करने के लिए तैयार हैं, वहीं राणा की अंतिम एकादश में जगह बनाने के लिए स्पिनर्स वाशिंगटन सुंदर और वरुण चक्रवर्ती के साथ प्रतिस्पर्धा है।
नेट सेशन में दिखी मयंक-हर्षित की दोस्ती
नए बने श्रीमंत माधवराव सिंधिया क्रिकेट स्टेडियम में दो नेट सेशन में दिल्ली के दोनों खिलाड़ियों ने रॉकेट की तरह गेंदबाजी कर रहे थे। दोनों के बीच की दोस्ती साफ दिखाई दे रही थी। दोनों हंस रहे थे, हर गेंद के बाद एक-दूसरे को इनपुट दे रहे थे और अपनी तेज गति से बल्लेबाजों को परेशान कर रहे थे।
पिता से तेज गेंदबाजी के किस्से सुनते हुए बड़े हुए
पश्चिमी दिल्ली से आने के अलावा दोनों के अब तक के करियर में एक अनोखी समानता है। वे दिल्ली अंडर-19 के लिए एक साथ खेले, लेकिन उनके युवा करियर पर कई बार ब्रेकडाउन लगा। दोनों अपने-अपने पिता से तेज गेंदबाजी के किस्से सुनते हुए बड़े हुए और दोनों ने आईपीएल में प्रसिद्धि पाई। मयंक ने आईपीएल में केवल 12.1 ओवर फेंके, लेकिन जब भी वे मैदान पर उतरे तो 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार को छुआ, जबकि हर्षित ने 19 विकेट चटकाए और केकेआर की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई।
हर्षित के पिता भी एथलीट हैं
मयंक को सोनेट क्रिकेट क्लब में छोड़ते समय, मयंक के पिता वेस्टइंडीज के महान तेज गेंदबाज कर्टली एम्ब्रोस के प्रशंसक प्रभु यादव ने अपने बेटे के मन में तेज गेंदबाजी का बीज बोया। हर्षित के पिता प्रदीप राणा खुद एक एथलीट हैं। उन्होंने हैमर थ्रो और भारोत्तोलन में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का प्रतिनिधित्व किया है। उन्हें बताया करते थे कि कैसे दुनिया भर के बल्लेबाज पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शोएब अख्तर से डरते थे।
तू बल्लेबाजों को अपनी गेंदबाजी से डराना
प्रदीप राणा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “एज ग्रुप में चयन संबंधी बाधाओं का सामना करते समय हर्षित निराश हो जाता था। मैंने उसे केवल यही सलाह दी थी कि ‘तू बल्लेबाजों को अपनी गेंदबाजी से डराना, फिर कैसे नहीं लेते तुझे।” इस बीच, पिछले चार महीनों से मंयक यादव के पिता को एक ही चिंता थी कि क्या चोट के बाद उनके बेटे की गति पहले जैसी होगी या नहीं?
एनसीए की वीडियो देखकर राहत मिली
प्रभु यादव ने कहा, “ओखला में अपनी फैक्ट्री से लौटने के बाद मैं हर रोज इसके बारे में सोचता था। तेज गेंदबाजी करने से उसे वो एक्स फैक्टर मिलता है। जब उसने एनसीए में अपने वीडियो दिखाए, तो मुझे राहत मिली। तेज गेंदबाज इस खेल को रोमांचक बनाते हैं।” मयंक और हर्षित के मेंटर नरेंद्र नेगी दोनों को “एक सिक्के के दो पहलू” कहते हैं।
रोल्स रॉयस और फेरारी को गैरेज में नहीं रख सकते
नेगी ने कहा, ” मैं कहूंगा कि वे दोनों खास हैं। वे नए हैं, वे नौसिखिए हैं लेकिन वे रोल्स रॉयस और फेरारी हैं, आप उन्हें गैरेज में नहीं रख सकते। मुझे लगता है कि गौती ग्वालियर में उन्हें मौका देंगे।” गति और सटीकता मयंक यादव की गेंदबाजी के सबसे महत्वपूर्ण पहलू हैं, जबकि हर्षित को महत्वपूर्ण ओवर में गेंदबाजी करनी आती है और यह स्पष्ट था कि केकेआर का टीम प्रबंधन, मिशेल स्टार्क की मौजूदगी के बावजूद, महत्वपूर्ण ओवरों में युवा खिलाड़ी को गेंदबाजी का जिम्मा सौंपता था।
शायद उन्हें अपनी क्षमता का एहसास हो गया है
नेगी ने कहा, “यह सब मानसिकता की बात है। दोनों काफी मजबूत हैं। मैं उन दोनों में जो बदलाव देखा है वह यह है कि अब वे अधिक अनुशासित हो गए हैं और उनके काम करने के तरीके में सुधार हुआ है। शायद उन्हें अपनी क्षमता का एहसास हो गया है। अगर मयंक खेलता है, तो मैं उसकी गति देखना चाहूंगा। मैं चाहूंगा कि प्रबंधन उसे अपनी घबराहट को शांत करने के लिए कुछ सीरीज दे। वह ऐसा लड़का है, जिसे अपने कंधे पर हाथ रखने की जरूरत है। इमोशनल लड़का है।”
मयंक और हर्षित को स्पीड से प्रेम
अपनी पेस और बाउंस से बल्लेबाजों को डराने के अलावा मयंक और हर्षित को स्पीड से भी प्रेम है। मयंक ने पंजाब किंग्स के खिलाफ लखनऊ सुपरजायंट्स के मैच के बाद कहा था, “सामान्य जीवन में भी मुझे स्पीड पसंद है।” इस मैच में उन्होंने 3/27 की सनसनीखेज गेंदबाजी की। इसमें 155.8 किमी प्रति घंटे की रफ्तार भी शामिल थी।
मुझे सुपरकार बहुत पसंद हैं
आईपीएल के बाद इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए हर्षित राणा ने भी कुछ ऐसी ही दिलचस्पी दिखाई। उन्होंने कहा, “मुझे सुपरकार बहुत पसंद हैं। उनकी रफ्तार में कुछ ऐसा होता है, जो मुझे रोमांच से भर देता है।” यह अभी भी देखा जाना बाकी है कि वे ग्वालियर में इंटरनेशनल डेब्यू करेंगे या नहीं, लेकिन ब्रॉडकास्टर अपनी टीआरपी के लिए दोनों को अपने साथ जोड़ना चाहेंगे।