प्रत्यूष राज। ग्वालियर के बाहरी इलाके में बना नवनिर्मित श्रीमंत माधवराव सिंधिया क्रिकेट स्टेडियम रविवार (6 अक्टूबर) को अपना इंटरनेशनल करेगा, जब यहां भारत और बांग्लादेश के बीच पहला टी20 मैच खेला जाएगा। यह स्टेडियम बीहड़ के जंगलों से घिरा है। शहर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम ने ग्वालियर के आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच की मेजबानी 2010 में की थी, जब सचिन तेंदुलकर ने पहला वनडे दोहरा शतक लगाया था।

ग्वालियर डिवीजन क्रिकेट एसोसिएशन (GDCA) के अध्यक्ष प्रशांत मेहता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “अभी स्टेडियम का केवल पहला चरण ही पूरा हुआ है। बीसीसीआई से फंड मिलते ही हम दूसरा चरण शुरू कर देंगे। जय शाह ने हमें इस स्टेडियम के दूसरे चरण को पूरा करने के लिए 110 करोड़ रुपये देने का वादा किया है। हम मैच के बाद अपना काम शुरू करेंगे।”

वर्तमान क्षमता 30,000

स्टेडियम की वर्तमान क्षमता 30,000 है और चरण 2 पूरा होने पर इसकी कुल क्षमता 55,000 हो जाएगी। प्रशांत मेहता ने कहा, “इस स्टेडियम को बनाने में हमें सात साल लगे। स्टेडियम सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस है। ड्रेनेज सिस्टम बेहतरीन है। लेकिन हमें स्टेडियम के बाहर ड्रेनेज सिस्टम को बेहतर बनाने की जरूरत है क्योंकि 15 दिन पहले यहां भारी बारिश के बाद बाढ़ आ गई थी।

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मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन का दूसरा स्टेडियम

यह दूसरा स्टेडियम होगा, जिसका स्वामित्व मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (MPCA) के पास होगा। इंदौर के मध्य में स्थित होलकर स्टेडियम ने तीन टेस्ट मैचों की मेजबानी की है और मेहता को पूरा भरोसा है कि कुछ सालों में ग्वालियर भी टेस्ट मैच की मेजबानी करेगा। उन्होंने कहा, “हम निश्चित रूप से यहां टेस्ट मैच की मेजबानी करना चाहेंगे। यही हमारा अंतिम लक्ष्य है। हां, यह शहर से थोड़ा दूर है, लेकिन मेरा विश्वास करें कि यहां क्रिकेट का क्रेज कहीं से कम नहीं है। मध्य प्रदेश लीग के फाइनल में, हमने प्रशंसकों के लिए मुफ्त प्रवेश की घोषणा की। स्टेडियम के अंदर, 25,000 लोग थे और लगभग 20,000 लोग बाहर थे। हमें लोगों से घर जाने का अनुरोध करना पड़ा क्योंकि सभी सीटें भरी हुई थीं।”