भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने बताया कि सीमित ओवरों के क्रिकेट में पार्ट-टाइम गेंदबाज क्यों गायब होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 30 यार्ड सर्कल के बाहर चार फील्डर्स और दोनों छोर से नई गेंद के साथ गेंदबाजी करना इसका मुख्य कारण है। साल 2015 से वनडे में दूसरा पॉवरप्ले ग्यारहवें ओवर से शुरू होता है और 40वें ओवर तक चलता है। इस दौरान टीम रिंग से बाहर सिर्फ चार फील्डर से रख सकती है। यह वो समय होता है जहां पर टीमें अपने पार्ट-टाइम गेंदबाजों का इस्तेमाल करती है जो कुछ ओवर्स गेंदबाजी कर सकते हैं।

नए नियमों की वजह से पार्ट-टाइम गेंदबाज हो रहे हैं गायब

राहुल द्रविड़ ने कहा कि मुझे लगता है कि अब पार्ट-टाइम गेंदबाज इन नियमों की वजह से गायब हो रहे हैं। अचानक से आप रिंग के अंदर रिंग के चार फील्डर से लेकर रिंग के अंदर पांच फील्डर तक पहुंच गए हैं। मुझे लगता है कि इससे पार्ट-टाइम गेंदबाजों की मध्य चरण में गेंदबाजी करने में सक्षम होने की क्षमता में काफी बदलाव आया है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की स्थिति में आप कई पार्ट-टाइम गेंदबाजों को खो सकते हैं और ना सिर्फ हम बल्कि कई टीमों ने भी ऐसा किया है। अगर आप गौर करेंगे तो अन्य टीमों में भी अंशकालिक गेंदबाजों की संख्या कम हो गई है और यह सिर्फ भारतीय टीम के बारे में नहीं है।

राहुल द्रविड़ ने कहा कि पार्ट-टाइम गेंदबाजों की कमी होना इसके लिए कुछ हद तक दो नई गेंदें भी कारण हैं। आपके पास बीच के ओवरों में रिंग में पांच फील्डर हैं। इन सबकी वजह से पार्ट-टाइमर बॉलर के लिए गेंदबाजी करना और भी मुश्किल होता जा रहा है। ऐसा नहीं है कि पार्ट-टाइमर नेट्स में गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं। बहुत से बल्लेबाज नेट्स में गेंदबाजी करते हैं, लेकिन अगर आपको बीच में गेंदबाजी का मौका नहीं मिलता है तो आपना कौशल विकसित करना बहुत मुश्किल हो जाता है। निश्चित रूप से जब से नियम बदले हैं पार्ट-टाइमर गेंदबाजों की गिनती कम हो गई है। द्रविड़ ने यह बातें भारत-ऑस्ट्रेलिया मैच से पहले कही।