भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें 20 साल बाद वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में आमने-सामने होंगी। 2003 वर्ल्ड कप का फाइनल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ था। सौरव गांगुली की अगुआई वाली टीम को ऑस्ट्रेलिया ने बुरी तरह हराया था। क्रिकेट फैंस के जेहन में यह हार आज भी ताजा है। यह समय था जब भारत में क्रिकेट की लोकप्रियता चरम पर पहुंची।

देश में क्रिकेट का रोमांच पहले भी रहा होगा, लेकिन टीवी ने इसका बुखार पूरे देश पर चढ़ा दिया। आज के समय में खूब क्रिकेट होता है और इसे देखना काफी सरल हो गया है। टीवी छोड़िए मोबाइल की मदद से लोग मैच का लुत्फ लेते हैं, लेकिन 90 के दशक में पैदा हुए बच्चों के बीच क्रिकेट की अलग ही दीवानगी देखने को मिलती है।

90 के दशक के बच्चे वनडे वर्ल्ड कप का करते हैं इंतजार

वनडे वर्ल्ड कप उनके लिए काफी खास होता है। वह इसका 4 साल तक इंतजार करते हैं। रोहित शर्मा और विराट कोहली से लेकर भारतीय टीम में शामिल ज्यादातर खिलाड़ी 90 के दशक में पैदा हुए हैं। वे उन बच्चों से अलग नहीं हैं। वह उन बच्चों की तरह उस दौर को याद करते होंगे। वह भी वनडे वर्ल्ड कप को वैसे ही चाहते हैं।

रोहित शर्मा के लिए बड़ा पल

रोहित शर्मा ने वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसके बारे बात की। उन्होंने कहा कि उन्हें वनडे वर्ल्ड कप से काफी लगाव है और वह इसे देखकर बड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह 50 ओवर का वर्ल्ड कप देखते हुए बड़े हुए हैं। इसलिए यह उनके लिए बड़ा पल है। हालांकि, रोहित शर्मा चाहते हैं कि वह इसके बारे में ज्यादा सोचना नहीं चाहते। वह टीम पर फोकस करेंगे।

बचपन से 50 ओवर का देखकर बड़ा हुआ हूं

रोहित शर्मा ने कहा, ” मेरे लिए 50 ओवर का वर्ल्ड कप सबसे बड़ा इवेंट है। मैं बचपन से ही 50 ओवर का विश्व कप देखकर बड़ा हुआ हूं। तो मेरे लिए यह सबसे बड़ा क्षण है। लेकिन मैं जानता हूं कि मुझे इस बात पर ध्यान देना होगा कि मेरी टीम को मुझसे क्या चाहिए? मैं बाकी सब कुछ कुछ समय के लिए अलग रखना चाहता हूं। पता नहीं वे अंदर से क्या महसूस कर रहे हैं।”