भारत के लिए टी20 सीरीज से पहले अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB)ने मुजीब उर रहमान, फजलहक फारूकी और नवीन उल हक पर लगाए गए प्रतिबंधों पर नरमी दिखाई है। तीनों खिलाड़ियों को केंद्रीय अनुबंध मिल गया है। इसके अलावा फ्रेंचाइजी लीग में भी भाग लेने की अनुमति मिल गई है। यह फैसला राष्ट्रीय कर्तव्यों और एसीबी के हित के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने पर लिया गया है।

मुजीब उर रहमान के अलावा फजलहक फारूकी और नवीन-उल-हक ने 2024 के लिए केंद्रीय अनुबंध पर हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया था। इसके बदले में एसीबी ने केंद्रीय अनुबंध देने में देरी की और तीनों को दो साल के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) नहीं देने का फैसला किया। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) समेत अन्य फ्रेंचाइजी लीग में खेलने के लिए एनओसी की जरूरत होती है।

बीबीएल में मुजीब अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए

मुजीब बिग बैश लीग में हिस्सा लेने के लिए संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के खिलाफ टी20 सीरीज नहीं खेले थे, जबकि फारूकी और नवीन बोर्ड के साथ बातचीत के बाद अफगानिस्तान की योजनाओं में वापस आ गए थे। बीबीएल में मुजीब अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए, क्योंकि एसीबी ने उनकी एनओसी रद्द कर दी थी। 22 वर्षीय खिलाड़ी की अफगानिस्तान टीम में वापस हो गई है। उन्हें भारत के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए टीम में चुना गया है।

तीनों खिलाड़ियों के प्रदर्शन की होगी निगरानी

एसीबी ने कहा कि खिलाड़ियों ने बोर्ड से “बिना शर्त संपर्क” किया और देश के लिए फिर से खेलने की अपनी इच्छा व्यक्त की। इसके बाद एक समिति ने जांच की। लिखित अंतिम चेतावनी, उनकी मासिक आय या मैच फीस से वेतन में कटौती, राष्ट्रीय कर्तव्य को प्राथमिकता देते हुए सीमित एनओसी के अलावा केंद्रीय अनुबंध देने की सिफारिशें कीं। तीनों खिलाड़ियों के प्रदर्शन और अनुशासन की सख्ती से निगरानी की जाएगी।

एसीबी ने क्या कहा?

एसीबी के चेयरमैन मीरवाइज अशरफ ने कहा, ” खिलाड़ियों ने बगैर किसी संदेह के टीम की सफलता में योगदान दिया है और गर्व से देश का प्रतिनिधित्व किया है। हम आशा करते हैं कि वे भविष्य में इसी तरह की चीजों से बचें क्योंकि हमें उम्मीद है कि वे बेहतरीन तरीके से देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। एसीबी और नियम हम सभी से ऊपर हैं और नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है क्योंकि इस संबंध में किसी के लिए कोई अपवाद नहीं है। इस तरह के मामलों से अधिक सख्ती से निपटा जाएगा क्योंकि हम अफगानिस्तान क्रिकेट और संगठन की प्रतिष्ठा को प्राथमिकता देते हैं।”