भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने को लेकर पत्ते नहीं खोले हैं। उन्होंने 27 दिसंबर की शाम करीब 4 बज कोलकाता में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से राजभवन जाकर मुलाकात की थी। दोनों की बीच यह मुलाकात करीब एक घंटे तक चली। उसके बाद से ही यह चर्चा शुरू हो गई कि क्या ‘बंगाल टाइगर’ राजनीति की पिच पर डेब्यू की तैयारी कर रहे हैं।

हालांकि, गांगुली ने अब तक इस संबंध में कुछ भी साफ नहीं किया है। अपने या अपने परिवार में से किसी के भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने पर गांगुली ने सोमवार यानी 28 दिसंबर को सिर्फ इतना ही कहा, ‘अगर गवर्नर आपसे मिलना चाहता है तो आपको बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की तरह उनसे मिलना होगा। तो आइए हम इसे ऐसे ही देखें।’ गांगुली ने रविवार को भी गर्वनर से मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया था। जब वह राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात कर बाहर निकले थे तो उन्होंने पत्रकारों के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया था। सिर्फ इतना कहा था कि यह एक ‘कर्टसी कॉल’ थी।

हालांकि, राज्यपाल की ओर से जरूर इस संबंध में ट्विटर पर तस्वीरें और वीडियो शेयर किए गए थे। राज्यपाल ने उन तस्वीरों के कैप्शन में लिखा था, ‘आज शाम 4.30 बजे बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली से राजभवन में मुलाकात की। कई मुद्दों पर चर्चा हुई। मैंने इडेन गार्डंस घूमने का उनका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। यह देश का सबसे पुराना क्रिकेट मैदान है जिसकी स्थापना 1864 में हुई थी।’

राज्यपाल धनखड़ ने गांगुली से मुलाकात के पहले दक्षिण 24 परगना जिले के बिष्णपुर इलाके में स्थित स्वामीनारायण मंदिर भी गए थे। वहां उन्होंने पश्चिम बंगाल के लोगों में शांति और सद्भाव के लिए प्रार्थना भी की थी। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में यह जानकारी दी थी।

बता दें कि पिछले महीने ‘द टेलिग्राफ’ के ऑनलाइन संस्करण ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी थी कि सौरव गांगुली ने बीजेपी के सामने यह साफ कर दिया है कि वह सक्रिय राजनीति में नहीं आना चाहते हैं। वह क्रिकेट प्रशासक के तौर पर अपनी भूमिका से खुश हैं। सूत्रों ने यह भी बताया था कि गांगुली की ओर से इनकार किए जाने के बाद से पार्टी ने उन पर मन बदलने के लिए कोई दबाव नहीं डाला।