इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से अगले साल होने वाले टी20 वर्ल्ड कप की मेजबानी छीनने की धमकी दी है। उसने बोर्ड से कहा है कि वह उससे 2021 टी20 विश्व कप को छीनने का अधिकार रखता है। दरअसल, बीसीसीआई टूर्नामेंट के लिए भारत सरकार से कर छूट हासिल करने में असफल रहा है, जबकि आईसीसी इसके लिए टैक्स में छूट की मांग कर रही थी।

आईसीसी और बीसीसीआई के बीच पिछले 2 महीनों के दौरान हुई ई-मेल के हवाले से ईएसपीएनक्रिकइंफो ने बताया कि आईसीसी ने बीसीसीआई से इस साल 18 मई तक इस समस्या का समाधान करने को कहा था। वहीं, बीसीसीआई कोविड-19 महामारी हवाला देते हुए समय सीमा को 30 जून तक बढ़ाना चाहती है। आईसीसी ने बोर्ड की यह मांग अस्वीकार कर दी है।

हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब ICC ने इस मामले को लेकर हंगामा किया है। 2016 में भारत में कर अधिकारियों ने टी20 वर्ल्ड कप को टैक्स छूट नहीं दी थी। जिस कारण आईसीसी ने बीसीसीआई के राजस्व में से लगभग 150 करोड़ रुपए काट लिए थे। आईसीसी पुरुष और महिलाओं के टी20 और वनडे विश्व कप और अंडर-19 (U-19) वर्ल्ड कप समेत आठ साल के सर्किल के लिए अपने कार्यक्रमों के मीडिया अधिकार बेचता है। यह उसकी आय का सबसे बड़ा स्रोत है। यही कारण है कि वह इन प्रतियोगिताओं की मेजबानी करने वाले देशों से कर में छूट की मांग करता है।

आईसीसी के सूत्रों का दावा है कि भारत इकलौता देश है, जहां ऐसी प्रतियोगिताओं को कर में छूट नहीं मिल रही। 2016 के मामले में भी आईसीसी ने भारत सरकार को सीधे कर का भुगतान नहीं किया। स्टार स्पोर्ट्स को जो पैसा आईसीसी को देना था, वह उसने टैक्स के तौर पर दिया था। इसके बदले में आईसीसी ने बीसीसीआई के हिस्से की राशि काट ली थी। आईसीसी ने बीसीसीआई को पहली बार फरवरी 2018 में चेतावनी दी थी कि वह टी20 विश्व कप के साथ-साथ 2023 वनडे वर्ल्ड कप की मेजबानी भी गंवा सकते हैं। दरअसल, भारत सरकार ने इन प्रतियोगिता को कर में छूट नहीं दी तो आईसीसी को 100 मिलियन डॉलर (करीब 756 करोड़ रुपए) का नुकसान हो सकता है।

बीसीसीआई ने आईसीसी को भेजे ईमेल में कहा है, बीसीसीआई वर्तमान स्थिति के मद्देनजर कर में छूट हासिल करने के लिए सभी प्रयास कर रहा है, लेकिन मौजूदा परिस्थितियां, जो बीसीसीआई के नियंत्रण से बाहर हैं, में सरकार से अपेक्षित मंजूरी/सहमति हासिल करना उसके लिए संभव नहीं है। बीसीसीआई ने आईबीसी (आईसीसी की कारोबारी ईकाई) से 30 जून 2020 या लॉकडाउन हटने के 30 दिन बाद तक का समय देने की मांग की है।