इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने मेंस क्रिकेट में प्लेइंग कंडिशन में कुछ बदलाव किए हैं। अब टेस्ट क्रिकेट में भी व्हाइट बॉल क्रिकेट की तरह स्टॉप क्लॉक का इस्तेमाल होने लगा है। अब टीमों पर स्लो ओवर रेट के लिए 5 रन पेनल्टी लग सकता है। इसके अलावा गेंद पर थूक लगाने को लेकर नियम में बदलाव हुआ है। गेंद पर थूक लगाने पर प्रतिबंध बरकरार है, लेकिन अब ऐसा करने पर गेंद बदलना अनिवार्य नहीं होगा बल्कि जानबूझकर ऐसा करने पर 5 रन की पेनल्टी लगाई जाएगी।
टेस्ट में स्टॉप क्लॉक का इस्तेमाल
ईएसपीएनक्रिकइंफो के अनुसार व्हाइट-बॉल प्रारूप में स्टॉप क्लॉक शुरू करने के एक साल बाद आईसीसी ने इसे टेस्ट क्रिकेट में भी शुरू करने का फैसला किया है। इस प्रारूप में धीमी ओवर गति लंबे समय से एक समस्या रही है। नियम के अनुसार फील्डिंग करने वाली टीम को ओवर के खत्म होने के एक मिनट के भीतर ओवर शुरू करने के लिए तैयार रहना होगा। ऐसा न करने पर उन्हें अंपायरों से दो चेतावनियां मिलेंगी। उन चेतावनियों के बाद अंपायर गेंदबाजी करने वाली टीम पर पांच रन की पेनल्टी लगाएगी। ये दो चेतावनी पारी में 80 ओवर तक मान्य होंगी। यह नियम 2025-27 वर्ल्ड टेस्ट साइकल में शुरुआत से ही लागू है।
थूक जानबूझकर इस्तेमाल करने पर गेंद को बदलना अनिवार्य नहीं
गेंद पर थूक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध जारी है, लेकिन गेंद पर थूक पाए जाने पर गेंद को बदलना अनिवार्य नहीं है। यह बदलाव किया गया है क्योंकि कर कई बार टीमें गेंद को बदलने के लिए जानबूझकर थूक लगाती हैं। अब अंपायर केवल तभी गेंद को बदलेंगे, जब उसमें बहुत ज्यादा बदलाव हुआ हो। जैसे कि अगर वह बहुत गीली दिखाई दे या उसमें ज्यादा चमक हो। इसे पूरी तरह से अंपायर के विवेक पर छोड़ दिया गया है। अगर अंपायर का मानना है कि थूक के इस्तेमाल से गेंद की कंडिशन में बदलाव नहीं हुआ है और वह हरकत करने लगे तो उसे बदला नहीं जा सकता। हालांकि, बल्लेबाजी करने वाली टीम को पांच रन दिए जाएंगे।
आउट दिए जाने के बाद रिव्यू लेने को लेकर डीआरएस प्रोटोकॉल
मान लें एक बल्लेबाज को कैच आउट करार दिया गया है और वह रिव्यू लेता है। अल्ट्राएज दिखाता है कि गेंद बल्ले से नहीं पैड से टकराई है। कैच आउट चेक करने के बाद टीवी अंपायर एलबीडब्ल्यू चेक करने के लिए बॉल-ट्रैकिंग का इस्तेमाल करता है। अब तक इस तरह की रिव्यू के दौरान प्रोटोकॉल यह था कि एक बार यह निर्धारित हो जाता है कि बल्लेबाज कैच आउट नहीं हुआ है तो एलबीडब्ल्यू के लिए डिफॉल्ट निर्णय नॉट आउट होता था। इसका मतलब है कि अगर बॉल-ट्रैकिंग के कारण “अंपायर कॉल” होता है तो बल्लेबाज नॉट आउट ही रहे। लेकिन अपडेट किए गए नियम में जब एलबीडब्ल्यू के लिए बॉल ट्रैकिंग ग्राफिक प्रदर्शित किया जाता है, तो उस पर “ओरिजनल डिसिजन” लेबल “आउट” लिखा होगा। अंपायर कॉल होने पर बल्लेबाज आउट होगा।