All Lives Are Equal (ऑल लाइव्स आर इक्वल/सभी जिंदगियां समान हैं) मामले में उस्मान ख्वाजा का समर्थन करने वालों खिलाड़ियों की संख्या बढ़ रही है। ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के कप्तान पेट कमिंस के बाद अब साउथ अफ्रीकी स्पिनर तबरेज शम्सी ने भी कंगारू ओपनर का समर्थन किया है। उस्मान ख्वाजा के समर्थन में तबरेज शम्सी ने इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी शेयर की।
इस स्टोरी में तबरेज शम्सी ने उन जूतों की तस्वीर लगाई, जिन पर All Lives Are Equal लिखा है। साथ ही आईसीसी से एक सवाल भी किया। तबरेज शम्सी ने पूछा, ‘मैं चाहूंगा कि आईसीसी बताए की उस्मान ख्वाजा ने वास्तव में क्या गलत किया है? दोहरे मापदंड क्यों अपनाए जा रहे हैं?’ उन्होंने संदेश को AllLivesAreEqual और freedomisahumanright पर टैग भी किया।
इससे पहले पैट कमिंस भी उस्मान ख्वाजा के गाजा संकट पर ‘लोगो’ लगाने का समर्थन कर चुके हैं। पैट कमिंस ने सोमवार 25 दिसंबर 2023 को कहा कि उस्मान ख्वाजा का गाजा में मानवीय दुर्दशा को सामने लाने का प्रयास ‘आक्रामक नहीं’ है।

पैट कमिंस ने कहा कि उन्हें उस्मान ख्वाजा के अपने बल्ले और जूते पर ‘डव लोगो’ लगाकर मानवीय मुद्दों के बारे में जागरुकता बढ़ाने और साथी मार्नस लाबुशेन के धार्मिक व्यक्तिगत संदेश दर्शाने के लिए अपने बल्ले पर चील का लोगो लगाने में कोई अंतर नहीं दिखता।
पैट कमिंस ने भी किया साथी क्रिकेटर का समर्थन
पैट कमिंस ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर होने वाले दूसरे टेस्ट की पूर्व संध्या पर कहा, ‘हम उज्जी (उस्मान ख्वाजा) का समर्थन करते हैं। वह जिसमें विश्वास करता है, उसी पर अडिग है। मुझे लगता है कि उसने बहुत ही सम्मानजनक तरीके से यह प्रदर्शित किया है। जैसा कि मैंने पिछले हफ्ते कहा कि ‘सभी की जिंदगी समान है’ में मुझे नहीं लगता कि यह बहुत आक्रामक संदेश है। मैं ‘डव’ के बारे में भी यही कहूंगा।’
पाकिस्तान के इस्लामाबाद में जन्में 37 साल के उस्मान ख्वाजा का समर्थन करते हुए पैट कमिंस ने कहा, ‘…लेकिन निश्चित रूप से कुछ नियम बनाए हुए हैं और मुझे लगता है कि आईसीसी ने कह दिया है कि वे इसे मंजूर नहीं करेंगे। वे नियम बनाते हैं और आपको इसे स्वीकार करना होगा।’
आईसीसी ने ठुकरा दी उस्मान ख्वाजा की मांग
बता दें कि उस्मान ख्वाजा ‘बॉक्सिंग डे’ टेस्ट मैच के दौरान अपने जूते और बल्ले पर जैतून के पेड़ की शाखा पकड़े काले ‘डव’ (कबूतर) का स्टिकर (मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा के अनुच्छेद से संदर्भित) लगाने की मांग की थी, जिसे क्रिकेट की वैश्विक संचालन संस्था आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) ने खारिज कर दिया था।
उस्मान ख्वाजा ऐसे स्टिकर के जरिए यह संदेश देना चाहते थे कि सभी मनुष्य स्वतंत्र पैदा हुए हैं और सम्मान तथा अधिकारों में समान हैं। वे तर्क और विवेक से संपन्न हैं और उन्हें एक-दूसरे के प्रति भाईचारे की भावना से काम करना चाहिए।
क्या कहती है आईसीसी की आचार संहिता
आईसीसी की आचार संहिता खिलाड़ियों को पूर्व अनुमति के बिना कपड़े या उपकरण पर आर्म बैंड या अन्य वस्तुओं के माध्यम से संदेश पहनने, प्रदर्शित करने या संदेश देने से रोकती है। राजनीतिक, धार्मिक या नस्लीय गतिविधियों या कारणों से संबंधित संदेशों की अनुमति नहीं है।