अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (International Cricket Council) की समिति ने कोरोनावायरस (Coronavirus) से उत्पन्न जोखिमों को कम करने और खिलाड़ियों और मैच अधिकारियों की सुरक्षा के लिए नियमों में बदलाव की सिफारिश की है। समिति ने सभी अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए गैर-तटस्थ मैच अधिकारियों की भी सिफारिश की है।
समिति ने COVID-19 (कोविड-19) से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक कॉन्फ्रेंस मीटिंग में यह फैसला किया। बैठक में मैच बॉल की स्थिति को बनाए और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में गैर-तटस्थ अंपायरों और रेफरी की नियुक्ति को लेकर चर्चा हुई। समिति की सिफारिशों पर मुहर लगाने के लिए जून की शुरुआत में इसे आईसीसी मुख्य कार्यकारी समिति के समक्ष पेश किया जाएगा।
ICC क्रिकेट समिति ने ICC मेडिकल एडवाइजरी कमेटी के अध्यक्ष डॉ. पीटर हारकोर्ट के सुझावों को सुना। इसमें हारकोर्ट ने थूक या लार के जरिये वायरस के फैलने के जोखिम को बताया था। इसके बाद समिति ने सर्वसम्मति से सिफारिश की कि गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर बैन लगाया जाए। समिति ने चिकित्सीय सलाह पर भी चर्चा की। इसमें कहा गया था यदि गेंद को चमकाने के लिए पसीने का इस्तेमाल किया जाता है तो उससे कोरोनावायरस के संक्रमण की ज्यादा आशंका नहीं है। ऐसे में पसीने से गेंद को चमकाने पर बैन लगाने की कोई जरूरत नहीं है, बल्कि इसके इस्तेमाल की सिफारिश की जाती है।
समिति ने अंतरराष्ट्रीय मैचों (टेस्ट, वनडे और टी20) में घरेलू अंपायर और मैच रेफरी को ही नियुक्त करने की सिफारिश की। आईसीसी ने 2002 में यह नियम बनाया था कि आपस में भिड़ रही टीमों के देश का कोई भी अंपायर या मैच रेफरी उस मैच में नियुक्त नहीं होगा। हालांकि, आईसीसी के टूर्नामेंट पर यह नियम लागू नहीं होगा। मौजूदा नियमों के मुताबिक, पुरुषों के टेस्ट, वनडे और टी20 इंटरनेशनल मुकाबलों में मैच ऑफिशियल्स तटस्थ देशों के होते रहे हैं।
समिति ने डीआरएस को लेकर भी बड़ी सिफारिश की है। समिति ने कहा है कि घरेलू अंपायरों को देखते हुए हर टीम को एक अतिरिक्त डीआरएस रिव्यू मिलना चाहिए। इस बैठक के दौरान अनिल कुंबले कहा, ‘हम असाधारण समय से गुजर रहे हैं। समिति ने जो सिफारिशें की हैं वे अंतरिम उपाय हैं। इससे हम सुरक्षित तरीके से क्रिकेट को फिर से शुरू कर सकते हैं। ये हमारे खेल और उससे जुड़े लोगों को भी सुरक्षित रखेंगे।’