भारतीय कप्तान के रूप में अपने दूसरे ही टेस्ट मैच में शुभमन गिल ने गुरुवार को एजबेस्टन में इंग्लैंड के खिलाफ अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट स्कोर बनाकर कई रिकॉर्ड तोड़ दिए। 25 वर्षीय शुभमन गिल मंसूर अली खान पटौदी के बाद टेस्ट में दोहरा शतक लगाने वाले दूसरे सबसे युवा भारतीय कप्तान बन गए। यही नहीं, वह SENA देशों में दोहरा शतक लगाने वाले पहले एशियाई कप्तान भी बने।

शुभमन गिल ने याद किया कि पिछले दौरों के बाद उन्हें परिस्थितियों में सफलता पाने के लिए किन तकनीकी बदलावों को अपनाना पड़ा। भारत के नए-नए नंबर 4 खिलाड़ी ने यह भी स्वीकार किया कि दौरे से पहले लाल गेंद वाले क्रिकेट में अपने औसत प्रदर्शन के दौरान उन्होंने बल्लेबाजी का आनंद खो दिया था। शुभमन गिल ने पिछले हफ्ते हेडिंग्ले में कप्तान के तौर पर अपनी पहली पारी में 147 रन बनाए और कप्तान के तौर पर अपने पहले दोनों टेस्ट मैच में शतक बनाने वाले चौथे भारतीय बन गए।

बहुत ध्यान केंद्रित करने पर खो देते हैं अपना चरम’

शुभमन गिल ने कहा, ‘मैंने मुख्य रूप से अपने शुरुआती मूवमेंट और अपने सेटअप पर काम किया। इससे पहले, मुझे लगा कि मेरी बल्लेबाजी अच्छी चल रही है। मैं टेस्ट मैच में लगातार 30-35-40 रन बना रहा था। लेकिन एक समय ऐसा आया जब मैं एकाग्रता के चरम समय से चूक गया। बहुत से लोग कहते हैं कि जब बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं, तो कभी-कभी अपना चरम समय खो देते हैं।’

शुभमन गिल ने बताया, ‘…इसलिए, इस सीरीज में मैंने अपनी मूल बातों पर लौटने की कोशिश की। मैंने बचपन की तरह बल्लेबाजी करने की कोशिश की। मैंने 35-40 रन तक पहुंचने या लंबी पारी खेलने के बारे में नहीं सोचा। मैं बस अपनी बल्लेबाजी का आनंद लेना चाहता था।’

‘मैं नहीं ले पा रहा था अपनी बल्लेबाजी का आनंद’

उन्होंने कहा, ‘कभी-कभी, जब आप धाराप्रवाह रन नहीं बना पाते हैं, तो आप अपनी बल्लेबाजी का आनंद लेना बंद कर देते हैं। आप रन बनाने की जरूरत पर बहुत ज्यादा ध्यान केंद्रित करते हैं। मुझे लगा कि मैंने अपनी बल्लेबाजी में वह खो दिया है। मैं इतना केंद्रित था कि मैं अपनी बल्लेबाजी का उतना आनंद नहीं ले पा रहा था।’

शुभमन गिल का दोहरा शतक 2016 में विराट कोहली के बाद किसी भारतीय द्वारा विदेशी धरती पर बनाया गया पहला दोहरा शतक है। पंजाब के इस बल्लेबाज ने इसके साथ ही किसी भारतीय टेस्ट कप्तान द्वारा बनाए गए सर्वोच्च स्कोर के पूर्व के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया। अपनी पारी के दौरान गिल पूरे समय शानदार नियंत्रण में दिखे। हालांकि, उन्होंने कहा कि बर्मिंघम की सपाट पिच पर आसानी से रन बनाना मुश्किल था।

‘आसानी से नहीं बन रहे थे रन’

गिल ने कहा, ‘जब मैं पहले दिन लंच से पहले बल्लेबाजी करने गया, तो चाय के समय मैं लगभग 100 गेंद पर 35-40 रन बनाकर खेल रहा था। मैं बाहर आया और जीजी (गौतम गंभीर) भाई से बात की। मैंने उनसे कहा, ‘मैं खुलकर रन नहीं बना पा रहा हूं, भले ही मेरे पास बहुत सारे शॉट हैं। मुझे यह भी लगा कि गेंद थोड़ी सॉफ्ट थी।’

शुभमन गिल ने कहा, ‘पिछले मैच में मैं ज्यादा तेजी से रन बना रहा था, लेकिन यहां यह आसानी से नहीं हो रहा था। फिर भी, मेरी मानसिकता यह थी कि अगर विकेट अच्छा है और मैं सेट हूं तो चाहे कितनी भी देर तक बल्लेबाज़ी करूं, मुझे मैच बीच में नहीं छोड़ना चाहिए।’

‘लंबे समय तक टिके रहने की मानसकिता से खेला’

उन्होंने कहा, ‘पिछले मैच में मैंने सीखा कि आप चाहे कितनी भी देर तक बल्लेबाजी क्यों न कर लें, इन परिस्थितियों में निचले क्रम में कभी भी गिरावट आ सकती है। इसलिए मैंने यथासंभव लंबे समय तक टिके रहने की कोशिश की। मैं चाहता था कि गेंदबाज मुझे अच्छी गेंद से आउट करे और मैं कोई गलती न करूं। यही मेरा तरीका था।’

शुभमन गिल के रिकॉर्ड-तोड़ स्कोर की बदौलत इंग्लैंड में 18 साल में भारत का सबसे बड़ा स्कोर 587 रन बनाया। इसके बाद मेहमान टीम ने स्टंप तक बेन स्टोक्स की टीम को 77 रन पर 3 विकेट भी झटक लिए थे।

इंग्लैंड के खिलाफ यह है भारत की योजना

गिल ने कहा, ‘मुझे लगता है कि एक बार जब गेंद थोड़ी पुरानी हो जाती है, तो विकेट लेना मुश्किल हो जाता है। इसलिए, जितना अधिक हम लगातार एक क्षेत्र में गेंदबाजी करेंगे और उनके बल्लेबाजों को निराश करेंगे, हमारे लिए उतना ही बेहतर होगा। हम उन्हें केवल एक क्षेत्र में रन बनाने पर मजबूर करने की कोशिश करेंगे। क्योंकि जब कोई बल्लेबाज मैदान के चारों ओर रन बनाने में सक्षम होता है, तो उसे नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है… मुझे लगता है कि हमारे गेंदबाजों ने अपनी योजनाओं को वास्तव में अच्छी तरह से अंजाम दिया।’

उन्होंने कहा, ‘पिच से गेंदबाजों के लिए बहुत कुछ नहीं है, लेकिन इतना है कि अगर बल्लेबाज बहुत ज्यादा कोशिश करता है, तो उसके आउट होने की संभावना बढ़ जाती है। जब बल्लेबाज कुछ अलग करने की कोशिश करता है, तो उसके आउट होने की संभावना बढ़ जाती है।’

शुभमन गिल ने कहा, ‘…इसलिए, जब वे बल्लेबाजी करेंगे तो हम उन्हें निराश करने की कोशिश करेंगे और जब भी वे रन बनाने की कोशिश करेंगे, हम उन्हें मौके नहीं देंगे। मुझे लगता है कि यह हमारी गेंदबाजी के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात होगी।’