साउथ अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर एबी डिविलियर्स की गिनती दिग्गज बल्लेबाजों में होती है। 2004 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलना शुरू करने के बाद डिविलियर्स ने प्रोटियाज के लिए 114 टेस्ट, 228 एकदिवसीय और 78 टी20 मैच खेले और 20014 रन बनाए। उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL)में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB)के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया है। डिविलियर्स को ‘मिस्टर 360’ के नाम से जाना जाता है। उन्होंने 2018 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की और 2021 में अपने आईपीएल से रिटायरमेंट ले लिया।

हालांकि, विजडन क्रिकेट के साथ हाल ही में बातचीत में डिविलियर्स ने बताया कि कैसे आंख में चोट लगने की वजह से उनका करियर खत्म हो गया। इस चोट की वजह से उनकी दृष्टि प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने गलती से उनकी आंख में लात मार दी थी, जिससे उनको देखने में तकलीफ होने लगी। देखने में तकलीफ होने के बाद भी वह 2 साल क्रिकेट खेले, लेकिन आंख का इलाज कराने के बाद मैदान पर नहीं उतर सके।

एक आंख के सहारे 2 साल खेले

डिविलियर्स ने कहा, ” मेरे बेटे ने गलती मेरी आंख में लात मार दी। इसके बाद मेरी दाहिनी आंख की रोशनी जाने लगी थी। जब मैंने सर्जरी करवाई तो डॉक्टर ने मुझसे पूछा कि आप इस तरह क्रिकेट कैसे खेलते हो? सौभाग्य से मेरी बाईं आंख ने मेरे करियर के आखिरी दो वर्षों में अच्छा काम किया।”

2015 विश्व कप को लेकर क्या बोले एबी डिविलियर्स

आरसीबी के पूर्व स्टार ने आगे बताया कि 2015 वनडे विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका की हार ने उन पर गहरा प्रभाव छोड़ा। उन्होंने उन चुनौतियों के बारे में भी खुलकर बात की जिनका उन्हें कोरोना महामारी के दौरान सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, ” कोविड ने निश्चित रूप से एक भूमिका निभाई। इसमें कोई संदेह नहीं है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की दृष्टिकोण से 2015 विश्व कप ने बहुत बड़ा नुकसान पहुंचाया। मुझे इससे उबरने में थोड़ा समय लगा और फिर जब मैं टीम में वापस आया और खेलने के लिए तैयार था, तो मुझे वैसा कल्चर नहीं दिखा, जिसकी मुझे उस समय वास्तव में आवश्यकता थी।”

2018 में हर चीज से दूर हो गया

एबीडी ने कहा, “मैं अक्सर सोचता था कि क्या यह मेरे करियर का अंत हो सकता है? मैं वास्तव में आईपीएल या कुछ और खेलना भी नहीं चाहता था। मैं 2018 में हर चीज से दूर हो गया और फिर टेस्ट क्रिकेट में एक बार और आगे बढ़ने का फैसला किया, यहां भारत और ऑस्ट्रेलिया को हराने की कोशिश करूं और फिर संन्यास लूं। मैं अपने ऊपर कोई स्पॉटलाइट नहीं चाहता था। मैं बस इतना कहना चाहता था, ‘मैंने बहुत अच्छा समय बिताया, बहुत-बहुत धन्यवाद।”