पिछले 14 मैचों में लगातार 12 हार और पिछले 4 मुकाबलों में 26 गोल गंवाने के बाद भारत (Indian Hockey Team) ने आखिरकार बुधवार को ऑस्ट्रेलिया (Australia) के खिलाफ अपनी 6 साल की हार का सिलसिला खत्म कर दिया। अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (International Hockey Federation) के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने पिछली बार ऑस्ट्रेलिया को नियमित समय के भीतर 29 नवंबर 2016 को हराया था। तब उसने ऑस्ट्रेलिया को 3-2 से हराया था।
अब एडिलेड में भारत ने 30 नवंबर 2022 को 5 मैच की सीरीज के तीसरे टेस्ट में दुनिया की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया को 4-3 से हराकर उलटफेर किया। हालांकि, इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के कोच कॉलिन बैच (Colin Batch) ने टैकल (Tackle) के लिए भारतीय गोलकीपर (Indian Goalkeeper) श्रीजेश (Sreejesh) की आलोचना की। भारत की ओर से अंतिम 3 मिनट में 2 गोल किए गए।
शुरुआती दोनों मैचों में जीत दर्ज करने में नाकाम रहा भारत इस अप्रत्याशित सफलता के साथ सीरीज को जीवंत रखने में कामयाब रहा। इस जीत के बाद भी भारत अभी सीरीज में 1-2 से पीछे है। मेहमान टीम को पहले दो टेस्ट मैच में 4-5 और 4-7 से हार का सामना करना पड़ा था। सीरीज का चौथा मैच शनिवार और आखिरी मैच रविवार को खेला जाएगा।
तीसरे मैच में टीम के लिए कप्तान हरमनप्रीत सिंह (12वें मिनट), अभिषेक (47वें मिनट), शमशेर सिंह (57वें मिनट) और आकाशदीप सिंह (60वें मिनट) ने गोल किए। ऑस्ट्रेलिया के लिए जैक वेल्च (25वें), कप्तान एरान जालेवस्की (32वें) और नाथन इफ्राम्स (59वें) ने गोल दागे।
ऑस्ट्रेलिया के कोच कॉलिन बैच मैच के बाद गुस्से में थे। कॉलिन बैच ने एफआईएच (International Hockey Federation) से हस्तक्षेप की मांग की। कॉलिन बैच ने कहा, ‘यह एक शातिरना हरकत है। आप जानते हैं, जब कोई खिलाड़ी जानबूझकर किसी को बाहर करता है और उन्हें घायल करता है तब एफआईएच और विनियम को कुछ करने की जरुरत है।’ श्रीजेश ने रेगुलेशन के समय कुछ चमत्कारी बचाव करके अपने पुराने रूप की झलक दिखाई। इसमें ऑस्ट्रेलिया को बे (Bay) में रखने के लिए दूसरे क्वार्टर में किया गया ट्रिपल सेव भी शामिल है।
भारत-ऑस्ट्रेलिया दोनों ने अपनाई खास रणनीति
इस मैच में भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ने धैर्यपूर्वक शुरुआत की और जवाबी हमले की जगह विरोधी टीम को मौका देने से बचने की कोशिश की। ऑस्ट्रेलिया ने हालांकि, सातवें मिनट मैच का पहला मौका बनाया, लेकिन उसके खिलाड़ी भारतीय रक्षापंक्ति को चकमा देने के बाद गोलकीपर कृष्ण बहादुर पाठक की सजगता से पार नहीं पा सके। इसके पांच मिनट के बाद भारतीय कप्तान ने पेनल्टी कॉर्नर पर ताकत का इस्तेमाल करने की जगह ‘प्लेसमेंट’ पर ध्यान देते हुए ऑस्ट्रेलिया के गोलकीपर जोहान डर्स्ट की दाहिनी ओर गोल कर भारत को बढ़त दिला दी।
पुराने रंग में दिखे पीआर श्रीजेश
इसके तुरंत बाद युवा खिलाड़ी सुखजीत सिंह ने अपने कौशल का शानदार परिचय दिया लेकिन उनका प्रयास गोल में नहीं बदल सका। मैच के दूसरे हाफ में 20वें मिनट में भारत के अनुभवी गोलकीपर पी आर श्रीजेश गोल करने के दो और प्रयास को विफल कर दिए। उन्होंने मैदानी शॉट पर शानदार बचाव करने के एक मिनट बाद पेनल्टी कॉर्नर पर ऑस्ट्रेलिया को गोल करने से रोका। ऑस्ट्रेलिया ने 25वें मिनट में बराबरी हासिल की जब वेल्च ने श्रृंखला का अपना तीसरा गोल किया।
पीआर श्रीजेश ने पेनल्टी कॉर्नर पर जैरी टिम हावर्ड के प्रहार पर जेरी हेवर्ड की ड्रैग-फ्लिक को विफल किया, लेकिन वेल्च ने रिबाउंड पर इसे गोल में बदल दिया। मध्यांतर के बाद घरेलू टीम ने बढ़ल लेने के लिए अधिक जोर लगाना शुरू किया और दो मिनट में दो पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए। श्रीजेश एक को रोकने में सफल रहे, जबकि टिम होवार्ड के शॉट पर कप्तान जालेवस्की ने गोल कर ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से आगे कर दिया।
मैच के आखिरी क्वार्टर में अभिषेक ने हरमनप्रीत के फ्लिक को गोल पोस्ट में डाल स्कोर 2-2 से बराबर कर दिया। भारत को इसके बाद 52वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन टीम इसे भुनाने में नाकाम रही। राजकुमार पाल का शॉट इसके बाद सर्किल के दूर से निकल गया। भारतीय टीम ने इस क्वार्टर में बेहतर खेल दिखाया और टीम एक और पेनल्टी कॉर्नर हासिल करने में सफल रही।
जुगराज के प्रयास के विफल होने के बाद शमशेर ने गेंद पर नियंत्रण बनाकर गोल दाग दिया। मैच के आखिरी मिनट में इफ्राम्स के गोल से ऑस्ट्रेलिया ने बराबरी की लेकिन आखिरी हूटर बजने से 54 सेकंड पहले भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला जिसे मंदीप सिंह के शॉट पर आकाशदीप ने गोल में बदल कर टीम को यादगार जीत दिला दी।