पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने अपनी आने वाली किताब ‘ए सेंचुरी इज नॉट इनफ’ में लिखा है कि चैपल को कोच बनाना उनके करियर की सबसे बड़ी गलती थी। सौरव गांगुली को 2005 में टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रेग चैपल के द्वारा कप्तानी से हटा दिया गया था। चैपल को 2005 में भारतीय क्रिकेट टीम का कोच बनाया गया था लेकिन 2007 के विश्व कप में पहले राउंड में टीम इंडिया के बाहर होने के बाद उन्हें हटा दिया गया था। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक साक्षात्कार में सौरव गांगुली ने बताया- ”2004 में घर आते समय यह चर्चा चल रही थी कि जॉन राइट की जगह अगला कोच कौन होगा, तो मेरे दिमाग में पहली बार में ग्रेग चैपल का नाम आया। मुझे लगा कि ग्रेग चैपल हमें हमारी चैलेंजर्स की पोजिशन से नंबर एक के स्लॉट में ले जाने के लिए सबसे अच्छे रहेंगे। जब कोच के लिए तलाश हो रही थी तब मैंने डालमिया को चैपल के बारे में अवगत करा दिया था। कुछ लोगों ने मुझे ऐसा न करने की सलाह दी थी। उनमें से एक सुनील गावस्कर थे।
गांगुली ने बताया कि सुनील गावस्कर ने उनसे कहा था- ”सौरव इस बारे में सोच लो। उनके (ग्रेग चैपल के) साथ टीम चलाने में आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। उनका पिछला कोचिंग का रिकॉर्ड बहुत शानदार नहीं है।” गांगुली ने बताया- ”डालमिया ने एक सुबह एक बैठक भी बुलाई थी और तत्काल चर्चा करने के लिए मुझे अपने घर बुलाया था। ग्रेग चैपल के भाई इयान ने सोचा था कि ग्रेग चैपल टीम इंडिया के कोच के लिए सही पसंद नहीं हो सकते हैं। वैसे, मैंने इस सभी सलाहों को नजरअंदाज कर दिया और अपने दिमाग से काम लिया। उसके बाद का इतिहास आपके सामने है। कुछ चीजें आपका साथ देती हैं जैसे कि मेरा ऑस्ट्रेलिया का टूर और कुछ चीजें आपका साथ नहीं देती हैं जैसे कि ग्रेग अध्याय। मैंने देश को जीत लिया लेकिन इसके एक नागरिक को नहीं।”
गांगुली ने कहा कि 2005 में ग्रेग चैपल को कोच बनाना उनकी जिंदगी का सबसे अशांत अध्याय है। उन्होंने कहा- ”इससे अचानक से अकारण ही न केवल मेरी कप्तानी चली गई, बल्कि मुझे एक खिलाड़ी के तौर पर भी जगह नहीं दी गई। मैं यह लिखते हुए भी गुस्सा महसूस करता हूं। जो कुछ हुआ था, वह अकल्पनीय, अस्वीकार्य, अक्षम्य है।”