दक्षिण अफ्रीका के टैस्ट कप्तान हाशिम आमला नागपुर पिच को लेकर विवादों से बचना चाहते हैं। बुधवार को उन्होंने नागपुर पिच को लेकर किसी तरह की टिप्पणी से इनकार कर दिया। आमला का मानना है कि अब उस कहानी को दोहराने का मतलब नहीं। टीम इससे आगे बढ़ चुकी है और हमारा फोकस गुरुवार से शुरू होने वाले चौथा व आखरी टैस्ट मैच है। हम इस मैच को जीत कर हार का अंतर कम करना चाहते हैं ताकि इंग्लैंड के खिलाफ हम मैदान पर बढ़े मनोबल के साथ उतरें। आइसीसी मैच रेफरी जैफ क्रो ने इस पिच को ‘खराब’ करार दिया था।

चौथे टैस्ट मैच की पूर्व संध्या पर दक्षिण अफ्रीकी कप्तान ने कहा कि आइसीसी जो भी कहता हो हम उसे उस पर छोड़ देते हैं। नागपुर में जो कुछ हुआ वह अब बीती बात है। कहानी वहीं पर खत्म हो चुकी है। हमारी निगाह अब इस मैच पर है। आमला और उनकी टीम के लिए यह निराशाजनक सीरीज रही है लेकिन उन्होंने कहा कि जो परिणाम आया उससे उनकी तैयारियों का सही आकलन नहीं लगाया जा सकता है।

स्वाभाव से शांत और बहुत ही धीमे अंदाज में गुफ्तगू करने वाले आमला ने कहा कि हमारी तैयारियां बेहतर थीं। मुझे नहीं लगता कि पिछले टैस्ट मैच में जो कुछ हुआ उसका टीम पर प्रभाव पड़ेगा। यह सभी के लिए मुश्किल टैस्ट मैच था। हमने सभी विभागों में बहुत अच्छी तैयारी तरह से तैयार होने का प्रयास किया। नतीजों से इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। आमला ने जब कोटला की पिच को लेकर जवाब दिया तो सभी जोर से हंसने लगे। उन्होंने मुस्कराते हुए कहा कि मैंने बुधवार को उसे देखा था। आज नहीं देख पाया क्योंकि मैं सीधे यहां (प्रेस कांफ्रेंस में) चला आया। विकेट रातों रात नहीं बदला जा सकता है।

इमरान ताहिर को पिछले मैच में देर से गेंद सौंपने के सवाल के बारे में उन्होंने कहा कि हम 79 रन पर आउट हो गए थे और 140 रन पीछे थे। मैंने इमरान को देर से इसलिए गेंद सौंपी क्योंकि उसके साथ मेरा अनुभव है कि वे काफी लुटाते हैं, हालांकि वे इस बीच विकेट भी लेता है। मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर फैसला किया। आमला ने अपनी बल्लेबाजी के सवाल पर कहा कि बेहद रोमांचक अनुभव रहा। मुश्किल पिचों पर अच्छे गेंदबाजों का सामना करना शानदार चुनौती होती है। कुछ विकेट ऐसे होते हैं जिन पर आप कभी जमकर नहीं खेल सकते हैं। आपको इधर उधर कुछ रन मिल जाते हैं। कई युवा खिलाड़ियों को इन पिचों पर खेलने का अनुभव होगा।