इंग्लैंड की महिला टी20 टीम ने 5 मैच की सीरीज के तीसरे मुकाबले में हरमनप्रीत की अगुआई वाली भारतीय टीम को 5 रन के करीबी अंतर से हरा दिया। भारत को जीत के लिए अंतिम गेंद पर 6 रन की जरूरत थी। हरमनप्रीत कौर (23) ने छक्का लगाने की पूरी कोशिश की, लेकिन बड़ा शॉट लगाने के प्रयास में लॉरेन बेल का शिकार हो गईं और भारत इतिहास रचने से चूक गया। भारत ने सीरीज के शुरुआती दोनों मैच अपने नाम किये थे।
हरमनप्रीत ब्रिगेड ने खत्म किया 19 साल का सूखा, भारत ने पहली बार इंग्लैंड से जीती महिला T20 सीरीज
भारतीय टीम यदि तीसरा मैच भी जीत लेती तो 19 साल में पहली बार इंग्लैंड के खिलाफ लगातार 3 टी20 मैच जीतने का रिकॉर्ड बनाती। पहली बार 2 या उससे ज्यादा मैच की सीरीज भी अपने नाम कर लेती। अब उसे सीरीज जीतने के लिए कम से कम अगले मैच तक इंतजार करना होगा। भारत बनाम इंग्लैंड चौथा टी20 इंटरनेशनल मैच 9 जुलाई को मैनचेस्टर के एमिरेट्स ओल्ड ट्रैफर्ड में भारतीय समयानुसार रात 11 बजे से खेला जाएगा।
भारत को तीसरा टी20 इंटरनेशनल मैच जीतने के लिए 172 रन का लक्ष्य मिला था। स्मृति मंधाना जब तक क्रीज पर मौजूद थीं तब तक उसके जीतने की 100 फीसदी संभावना लग रही थी। स्मृति मंधाना 16वें ओवर की तीसरी गेंद पर जब पवेलियन लौटीं तब टीम का स्कोर 3 विकेट पर 131 रन था। हालांकि, इसके बाद भारत अगली 27 गेंद में 41 रन नहीं बना पाया।
लॉरेन फाइलर (2/30) ने जिस ओवर में स्मृति मंधाना का विकेट लिया, उसमें उन्होंने 6 रन दिए। यही ओवर एक तरह से मैच का टर्निंग पॉइंट हो गया। कहना गलत नहीं होगा कि भारत की बल्लेबाजी अंतिम क्षणों में लड़खड़ा गई और इंग्लैंड ने लंदन के केनिंग्टन ओवल (किया ओवल) में खेले गए इस रोमांचक तीसरे महिला टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में करीबी जीत हासिल कर सीरीज जिंदा रखी।
शुक्रवार की रात किया ओवल में यह एक असाधारण दिन था, जहां इंग्लैंड शानदार बल्लेबाजी के पतन और खराब क्षेत्ररक्षण के बावजूद जीत हासिल करने में सफल रहा। पहले बल्लेबाजी करने उतरी सोफिया डंकले (75) और डैनी वायट-हॉज (66) ने 137 रन की सलामी साझेदारी में शानदार अर्धशतक जमाए। इसके बाद इंग्लैंड ने 25 गेंद में सिर्फ 31 रन पर 9 विकेट गंवा दिए। उसने 20 ओवर में 9 विकेट पर 171 रन बनाए।
जवाब में भारत पूरी तरह नियंत्रण में दिख रहा था। स्मृति मंधाना (56) और शेफाली वर्मा (47) ने पहले विकेट के लिए 85 रन जोड़े। हालांकि, लॉरेन फाइलर (2/30) ने स्मृति मंधाना को आउट करके इंग्लैंड की उम्मीदें जगाईं। बाद में सोफी एक्लेस्टोन (1/24), लॉरेन बेल (1/37) और इस्सी वोंग (1/36) ने 1-1 विकेट लेकर भारत को 20 ओवर में पांच विकेट पर 166 रन पर रोक दिया।
भारत इंग्लैंड के खिलाफ अपनी पहली टी20 इंटरनेशनल सीरीज जीत की ओर देख रहा था, लेकिन डंकले और वायट-हॉज ने धमाकेदार प्रदर्शन किया। डंकले ने 53 गेंदों की अपनी पारी में 7 चौके और 1 छक्का लगाया और 43 रन पर कैच छूटने के बाद 35 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा किया। नौवें ओवर में दो बार कैच होने से बचीं वायट-हॉज ने 42 गेंद की अपनी पारी में 7 चौके और 3 छक्के लगाए।
दीप्ति शर्मा (3/27) ने 16वें ओवर में डंकले को आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा। अरुंधति रेड्डी (3/32) ने 17वें ओवर में एलिस कैप्सी (2), वायट-हॉज और एमी जोन्स (0) को आउट कर पारी को ढहा दिया। कैप्सी को चरणी एन श्री ने धीमी गेंद पर रैंप शॉट लगाने के प्रयास में कैच किया। टैमी ब्यूमोंट (2) को राधा यादव (1/15) ने बोल्ड किया, जबकि चरनी (2/43) ने पैगे स्कोल्फील्ड (4) और वोंग (0) को आउट किया। दीप्ति ने एक्लेस्टोन (10) और फाइलर (0) को आउट कर इंग्लैंड की पारी समाप्त की।
लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने पावरप्ले में 61 रन बनाए। दूसरे ओवर में जीवनदान मिलने के बाद और 9वें ओवर में एक्लेस्टोन का शिकार बनने से पहले शैफाली ने 25 गेंद में 47 रन की पारी में 7 चौके लगाए। स्मृति मंधाना ने 38 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा किया, लेकिन लगातार 6 डॉट खेलने के बाद फाइलर की गेंद पर आउट होने से इंग्लैंड को उम्मीद जगी।
जेमिमा रोड्रिग्स (20) फाइलर की गेंद पर आउट हुईं, जबकि 19वें ओवर में बेल द्वारा कैच की गईं ऋचा घोष बड़ी हिट की तलाश में वोंग की गेंद पर डीप में कैच हुईं। भारत को आखिरी ओवर में 12 रन चाहिए थे, तभी स्कोल्फील्ड ने अमनजोत कौर का कैच छोड़ दिया। भारत ने 4 गेंद में 8 रन बना लिए। अंतिम 2 गेंद में उसे 8 रन की जरूरत थी। हरमनप्रीत 5वीं गेंद पर दो रन ही बना सकीं। आखिरी गेंद पर छक्का मारने के चक्कर में मिड-ऑफ पर लपकी गईं और इंग्लैंड सीरीज में बना रहा।
