देवेंद्र पांडे। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) इस बात पर फैसला लेने के लिए पूरी तरह तैयार है कि यूएई में महिला टी20 विश्व कप से जल्दी बाहर होने के बाद भारतीय महिला टीम को नए कप्तान की जरूरत है या नहीं। हाल के वर्षों में पहली बार हरमनप्रीत कौर की अगुआई वाली भारतीय टीम नॉकआउट चरण तक भी नहीं पहुंच पाई और आईसीसी ट्रॉफी के लिए उनका इंतजार जारी रहा।
इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी अनुसार बीसीसीआई चयन समिति और मुख्य कोच अमोल मजूमदार के साथ हरमनप्रीत की कप्तान के भविष्य पर चर्चा करने के लिए बैठक करेगा। पता चला है कि यह बैठक 24 अक्टूबर से न्यूजीलैंड के खिलाफ शुरू होने वाले तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए टीम के चयन से पहले होगी। संयोग से, हरमनप्रीत ने 2016 में भारत की टी20 कप्तान के रूप में पदभार संभाला था, जब टीम घरेलू सरजमीं पर आयोजित टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह बनाने में विफल रही थी।
हरमनप्रीत की कप्तानी में फाइनल खेल चुका है भारत
2024 के टूर्नामेंट से पहले हरमनप्रीत की अगुआई में भारत नॉकआउट में जगह बनाने में कामयाब रहा है और 2020 के संस्करण में फाइनल में भी पहुंचा, लेकिन जीत नहीं पाया। 2024 में एक मजबूत टीम होने के बावजूद, भारत पहले ही मैच में न्यूजीलैंड से हार गया, जिससे सेमीफाइनल में पहुंचने की उनकी संभावनाएं काफी कम हो गईं। पिछले रविवार को ऑस्ट्रेलिया ने उन्हें हराकर बाहर कर दिया। हालांकि, हरमनप्रीत की जगह भारतीय टीम में सुरक्षित है, लेकिन संभावना है कि कुछ सहयोगी स्टाफ के अनुबंध को नवीनीकृत नहीं किया जाएगा।
बदलाव का समय आ गया है
बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा, “बीसीसीआई निश्चित रूप से इस बात पर चर्चा करेगा कि नया कप्तान बनाया जाए या नहीं। भारतीय बोर्ड ने वह सब कुछ प्रदान किया है, जो टीम चाहती थी और हमें लगता है कि अब समय आ गया है कि टीम की कमान किसी नए चेहरे के हाथों में सौंपी जाए। हरमनप्रीत टीम की अहम सदस्य बनी रहेंगी, लेकिन बीसीसीआई को लगता है कि बदलाव का समय आ गया है।”
भारत की मेजबानी में होना हा वनडे वर्ल्ड कप
अगला 50 ओवर का विश्व कप भारत में होना है, ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि बीसीसीआई न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज से पहले नए कप्तान पर फैसला लेता है या नहीं। इस तरह के फैसले का मतलब होगा कि नए कप्तान के पास विश्व कप के लिए टीम बनाने के लिए पर्याप्त समय है।
पुरानी समस्याएं फिर से सामने आईं
टी20 विश्व कप में वही पुरानी समस्याएं फिर से सामने आईं, जब टीम चार में से सिर्फ दो मैच जीत पाई। हालांकि, हरमनप्रीत ने बल्ले से अपनी भूमिका निभाई, लेकिन खराब बल्लेबाजी ने पूरे अभियान में भारतीय टीम को परेशान किया। विश्व कप के लिए उड़ान भरने से पहले भारतीय टीम ने कैंप आयोजित किए थे। टीम परिस्थितियों के अनुकूल होने के लिए यूएई जल्दी गई, जिसके बारे में भारत का मानना था कि यह उनकी खेल शैली के अनुकूल होगा। लेकिन विश्व कप भारत के लिए भूलने वाला टूर्नामेंट साबित हुआ।