हार्दिक पंड्या यूं तो किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं, लेकिन इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 के शुरू होने के पहले से ही वह कुछ ज्यादा ही सुर्खियों में हैं। पहले तो मुंबई इंडियंस के कप्तान के रूप में उनका सामने आया। जिसे लेकर उनके पक्ष और विपक्ष में लोगों ने बातें करना शुरू कीं।
आईपीएल 2024 में उनकी कप्तानी में मुंबई इंडियंस ने अपने शुरुआती तीनों मैच गंवा दिये। आईपीएल 2024 में उसकी गाड़ी कभी भी पटरी पर चलती नहीं दिखी। इस कारण हार्दिक पंड्या की कप्तानी की काफी आलोचना हुई। आलोचना करने वालों में ज्यादातर वही लोग थे, जो 2021 में उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे थे, क्योंकि हार्दिक ने अपनी कप्तानी में गुजरात टाइटंस को उसके पहले ही संस्करण में आईपीएल चैंपियन बना दिया था।
नताशा से तलाक को लेकर उड़ी थी अफवाह
आईपीएल 2024 के खत्म होने के बाद अचानक अफवाह उड़ी कि उनके और पत्नी नताशा स्टेनकोविक में तलाक होने वाला है। इन अफवाहों को इस कारण भी और तूल मिला क्योंकि आईपीएल 2024 के दौरान नताशा एक बार भी अपने पति और उनकी मुंबई इंडियंस टीम का समर्थन करने क्रिकेट स्टेडियम नहीं पहुंची, जबकि इससे पहले वह अक्सर मैदान पर हार्दिक की हौसलाअफजाई करती हुई दिख जाती थीं।
टीम से बाहर किये जाने की भी थी खबरें
एक समय ऐसी भी खबरें आईं कि शायद उन्हें टी20 विश्व कप 2024 के लिए भारतीय टीम में नहीं चुना जाए। हालांकि, वह न सिर्फ चयनकर्ताओं का भरोसा जीतने में सफल रहे, बल्कि उनकी उप कप्तानी भी बरकरार रही। टी20 विश्व कप 2024 में बांग्लादेश के खिलाफ वॉर्म-अप मैच में हार्दिक पंड्या ने अपने प्रदर्शन से फिर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। हार्दिक पंड्या ने आयरलैंड के खिलाफ मैच में भी 3 विकेट लेकर चौंका दिया।
अनुशासन और प्रतिबद्धता ने क्रिकेट में भी दिलाई सफलता
यहां चौकाना शब्द इसलिए इस्तेमाल किया गया है, क्योंकि पिछले काफी समय से उनकी गेंदबाजी को लेकर ही सवाल उठ रहे थे। हार्दिक पंड्या की एजुकेशन क्वालिफिकेशन भले ही बहुत ज्यादा नहीं हो, लेकिन उनकी सफलता में इसका बड़ा योगदान है। शिक्षा के प्रारंभिक वर्षों ने हार्दिक में अनुशासन और प्रतिबद्धता की नींव रखी। यह गुण बाद में उनके क्रिकेट करियर को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुआ।
साधारण है हार्दिक पंड्या की शिक्षा
हार्दिक पंड्या की शिक्षा बहुत ही साधारण है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टार बनने के उनके सफर में यह बहुत महत्वपूर्ण है। 11 अक्टूबर, 1993 को गुजरात के सूरत में जन्में हार्दिक पंड्या क्रिकेट में करियर बनाने के चक्कर में नौवीं कक्षा से आगे की पढ़ाई नहीं कर पाये। हार्दिक ने बड़ौदा के एमके हाई स्कूल में अपनी शुरुआती स्कूली शिक्षा पूरी की।
जब हार्दिक नौवीं कक्षा में पहुंचे, तो यह स्पष्ट हो गया कि उनका भविष्य क्लास रूम नहीं, बल्कि क्रिकेट के मैदान पर है। अपने परिवार के समर्थन से, हार्दिक ने नौवीं कक्षा के बाद स्कूल छोड़ने का साहसिक फैसला लिया और खुद को पूरी तरह से खेल के लिए समर्पित कर दिया।
आर्थिक तंगी का भी किया सामना
स्कूल छोड़ने का फैसला अपने साथ कई त्याग लेकर आया। पंड्या के परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा, फिर भी उन्होंने हार्दिक की क्रिकेट की आकांक्षाओं को प्राथमिकता दी। किराये के अपार्टमेंट में रहना और कम बजट में खर्च चलाना, हार्दिक की यात्रा चुनौतियों से भरी थी जिसने उनके संकल्प की परीक्षा ली।
औपचारिक शिक्षा से दूर होने के बाद हार्दिक ने क्रिकेट की प्रैक्टिस को और तेज कर दिया। उन्होंने वडोदरा में किरण मोरे क्रिकेट अकादमी में दाखिला लिया, जहां उनके कौशल में निखार आया। औपचारिक डिग्री न होने के बावजूद, हार्दिक की क्रिकेट में शिक्षा आगे बढ़ी। कठोर प्रशिक्षण की वह अवधि हार्दिक को आज के क्रिकेटर के रूप में आकार देने में महत्वपूर्ण रही।
आईपीएल से मिली यह शिक्षा
हार्दिक ने बड़ौदा क्रिकेट टीम के लिए खेला। घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट में उनके प्रदर्शन ने चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा, जिससे इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) और अंततः भारतीय राष्ट्रीय टीम में उनके प्रवेश का मार्ग प्रशस्त हुआ। हार्दिक की यात्रा में महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब उन्हें आईपीएल में मुंबई इंडियंस ने खरीदा। इस मंच ने उनकी प्रतिभा को बड़े मंच पर प्रदर्शित किया।
हार्दिक को दुनिया के कुछ बेहतरीन क्रिकेटर्स के साथ और उनके खिलाफ खेलने का अवसर मिला। आईपीएल हार्दिक के लिए केवल एक टूर्नामेंट नहीं था; यह एक शैक्षिक अनुभव था जिसने उन्हें उच्च दबाव वाले मुकाबलों और लगातार प्रदर्शन करने के महत्व के बारे में सिखाया। आईपीएल में हार्दिक के प्रदर्शन ने उन्हें भारतीय राष्ट्रीय टीम में शामिल किया।