महेंद्र सिंह धोनी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में जलवा दिखाने को तैयार हैं। महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में टीम इंडिया ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। वह दुनिया के इकलौते कप्तान हैं, जिनकी अगुआई में किसी टीम ने आईसीसी की तीनों बड़ी ट्रॉफियां (आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप, आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी) अपने नाम की हैं।

यही नहीं धोनी प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान करने में माहिर हैं। हार्दिक पंड्या की मानें तो आज यदि वह टीम इंडिया के सफल ऑलराउंडर बन पाएं हैं तो इसमें धोनी का भी अहम योगदान है। पंड्या ने टीवी कमेंटेटर हर्षा भोगले से बातचीत के दौरान खुद इस बात का खुलासा किया था। हार्दिक पंड्या ने 26 जनवरी 2016 को एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 मैच से अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। इस मैच में उन्होंने पारी के 8वें ओवर से अपनी गेंदबाजी की शुरुआत की। हालांकि, यह उनके लिए सिर मुड़ाते ही ओले पड़ने वाली जैसी बात हुई।

हार्दिक ने शुरुआती तीन गेंद वाइड फेंकी। अगली गेंद पर कोई रन नहीं बना। उसकी अगली गेंद पर स्टीव स्मिथ ने 2 रन लिए। इसके बाद स्टीव स्मिथ ने एक रन लेकर स्ट्राइक एरॉन फिंच को दे दी। फिंच ने आते ही पंड्या की गेंद पर छक्का जड़ दिया। फिंच के छक्के से हार्दिक पंड्या का फिर कंस्ट्रेशन बिगड़ गया और उन्होंने अगली गेंद पर फिर वाइड फेंकी। अगली गेंद पर फिंच ने एक रन देकर स्ट्राइक स्मिथ को दी। पंड्या बिल्कुल भी लय में नहीं थे। उन्होंने फिर वाइड फेंकी। ओवर की आखिरी गेंद पर स्मिथ ने उन्हें चौका जड़ दिया। इस तरह हार्दिक पंड्या ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के पहले ही ओवर में 19 रन लुटवा दिए थे।

डेब्यू मैच को लेकर हार्दिक पंड्या ने हर्षा भोगले को बताया था, ‘इतनी खराब गेंदबाजी के बाद मुझे पहले ही मैच में अपना करियर पूरी तरह से खत्म लगने लगा था। इतने रन तो मैंने कभी बॉम्बे के लिए खेलते हुए नहीं खाए थे। मेरे दिमाग में यही सवाल चल रहा था कि यहां इंटरनेशनल मैच में इतने रन पड़ने पर ये लोग (सेलेक्टर्स और धोनी) क्यों रखेंगे? हालांकि, इतनी अनुशासनहीन बॉलिंग पर भी धोनी ने मुझ पर गुस्सा नहीं किया। माही भाई ने मुझे फिर अपना भरोसा कामय रखा। उन्होंने मुझे 15वां और 17वां ओवर फेंकने के लिए दिया।

हार्दिक ने आगे कहा, ‘इसके बाद मैंने एक एक्स्ट्रा कवर रख अपना ओवर शुरू किया। उसने (क्रिस लिन) ने मुझे एडिलेड मैदान में, जहां की सामने की बाउंड्री 85 मीटर थी, वहां पहली बॉल पर फिर लगभग 105 मीटर लंबा छक्का मारा। पहली 7 बॉल पर इतने रन पड़ने के बाद मेरी फीलिंग्स थी, कि अब तो मेरा करियर खत्म। मैंने सोचा इससे गंदा अब क्या हो सकता है, अब तो करो जैसे करना है।’

हार्दिक ने बताया, ‘इसके बाद पता नहीं फिर क्या हुआ। अचानक से मेरा कमबैक हो गया। 15वें ओवर की आखिरी गेंद पर मैंने क्रिस लिन को युवराज सिंह के हाथों कैच आउट करा दिया। 17वें ओवर की पहली ही गेंद पर मैंने मैथ्यू वेड को पवेलियन की राह दिखा दी। मैं हैट्रिक चांस पर था। हालांकि, हैट्रिक नहीं ले पाया। यह माही भाई की ओर से दिया हौसला ही था आज मैं इस मुकाम पर हूं।’