भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने आज ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज कैमरन बैनक्रॉफ्ट पर मैच फीस का सिर्फ 75 प्रतिशत जुर्माना और प्रतिबंध नहीं लगाने के आईसीसी के फैसले की निंदा की। हरभजन ने 2001 के दक्षिण अफ्रीका टेस्ट का जिक्र किया जब पांच भारतीयों सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, सौरव गांगुली, शिवसुंदर दास, दीपदास गुप्ता और उन पर मैच रैफरी माइक डेनिस ने विभिन्न अपराधों में कम से कम एक टेस्ट का प्रतिबंध लगाया था। उन्होंने 2008 के सिडनी टेस्ट का भी हवाला दिया जब एंड्रयू साइमंडस के खिलाफ कथित नस्लीय टिप्पणी के कारण उन पर तीन टेस्ट का प्रतिबंध लगाया गया था।
हरभजन ने ट्वीट किया ,‘‘ वाह आईसीसी वाह। फेयरप्ले, बैनक्रॉफ्ट पर कोई प्रतिबंध नहीं जबकि सारे सबूत थे। वहीं 2001 में दक्षिण अफ्रीका में जोरदार अपील करने के कारण हम छह पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और वह भी बिना सबूत के… और सिडनी 2008 तो याद होगा। दोषी साबित नहीं होने पर भी तीन टेस्ट का प्रतिबंध। अलग अलग लोग अलग अलग नियम।’’ इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वान ने कहा ,‘‘ एक मैच का प्रतिबंध और मैच फीस का शत प्रतिशत जुर्माना स्मिथ के लिये। बैनक्रॉफ्ट पर 75 प्रतिशत जुर्माना और डिमेरिट अंक। यह समय मिसाल कायम करने का था और यह कैसी सजा सुनाई है।’’
wow @ICC wow. Great treatment nd FairPlay. No ban for Bancroft with all the evidences whereas 6 of us were banned for excessive appealing in South Africa 2001 without any evidence and Remember Sydney 2008? Not found guilty and banned for 3 matches.different people different rules
— Harbhajan Turbanator (@harbhajan_singh) March 25, 2018
How the hell has the Vice Captain of this Australian Team & all the Leadership group not been penalised !!!!!!! #SAvAUS
— Michael Vaughan (@MichaelVaughan) March 25, 2018
If you only get a 1 Match ban and hit with a fine over admitting to cheating as an International Captain!! … If the ICC are going by their list of sanctions against certain actions I think it’s time they were updated … #SAvAUS
— Michael Vaughan (@MichaelVaughan) March 25, 2018
बता दें कि मुकाबले के तीसरे दिन बैनक्राफ्ट को कवर पर फील्डिंग करते हुए अपने ट्राउजर में किसी पीली चीज को छिपाते हुए देखा गया, जिसके बाद अंपायर निजेल लांग और रिचर्ड इंलिगवर्थ ने तुरंत बैनक्राफ्ट से बात की। जब अंपायर उनसे बात करने के लिए पहुंचे तो उन्होंने पैंट की जेब में हाथ डालकर कुछ और दिखाया। वह धूप के चश्मे को साफ करने के लिए मुलायम कपड़े जैसा लग रहा था। हालांकि घटना के बाद शनिवार (24 मार्च) को ही स्टीव स्मिथ ने माफी मांगते हुए आरोप स्वीकार कर लिए थे।