कभी भारतीय टेस्ट टीम का अहम हिस्सा रहे बैटर ऑलराउंडर हनुमा विहारी ने रणजी ट्रॉफी में आंध्र प्रदेश की कप्तानी छोड़ने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। हनुमा विहारी ने पिछले महीने रणजी ट्रॉफी में आंध्र की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया था। उनके कप्तानी छोड़ने के बाद शुक्र रिकी भुई ने टीम की कमान संभाली थी। कप्तानी छोड़ने पर हनुमा विहारी ने अब कहा है कि वह कभी आंध्र प्रदेश के लिए खेलेंगे भी नहीं। उनके इस बयान से यह साफ हो गया है कि एसोसिएशन के साथ उनके रिश्ते खराब हो चुके हैं।

नेता के बेटे को लगाई थी डांट तो चली गई कप्तानी

हनुमा विहारी ने एक इमोशनल इंस्टा स्टोरी के जरिए बताया है कि वह कभी आंध्र प्रदेश के लिए क्रिकेट नहीं खेलेंगे। कप्तानी से हटाए जाने की वजह के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि रणजी ट्रॉफी के पहले मैच के बाद उन्हें जबरन कप्तानी से हटा दिया गया था और यह फैसला एसोसिएशन का था। उन्होंने बताया कि एक मैच में वह एक खिलाड़ी पर चिल्लाए थे और वह खिलाड़ी एक राजनेता का बेटा था।

बिना गलती के कप्तानी से हटा दिया गया- विहारी

हनुमा विहारी ने अपनी पोस्ट में लिखा है, “हमने अंत तक कड़ा संघर्ष किया लेकिन ऐसा होना तय नहीं था। आंध्र के साथ एक और क्वार्टर हारने का दुख है। यह पोस्ट कुछ तथ्यों के बारे में है जिन्हें मैं सामने रखना चाहता हूं। बंगाल के खिलाफ पहले गेम में मैं कप्तान था, उस गेम के दौरान मैं 17वें खिलाड़ी पर चिल्लाया और उसने अपने पिता (जो एक राजनेता हैं) से शिकायत की, बदले में उसके पिता ने एसोसिएशन से मेरे खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा, जिसके बाद मुझे बिना कोई गलती के कप्तानी से हटा दिया गया।”

अब आंध्र के लिए कभी नहीं खेलूंगा- हनुमा

हनुमा विहारी ने पोस्ट में आगे लिखा, “मैंने कभी किसी खिलाड़ी से व्यक्तिगत तौर पर कुछ नहीं कहा, लेकिन एसोसिएशन ने सोचा कि वह खिलाड़ी उस व्यक्ति से अधिक महत्वपूर्ण है जिसने पिछले साल अपना शरीर दांव पर लगा दिया और बाएं हाथ से बल्लेबाजी की थी। पिछले 7 साल में आंध्र प्रदेश को 5 बार नॉकआउट तक लेकर गया। मुझे काफी शर्मिंदगी महसूस हुई, लेकिन यह सीजन खेलना जारी रखने का एकमात्र कारण यही था कि मैं अपनी टीम का सम्मान करता था, लेकिन अब आंध्र के लिए कभी नहीं खेलूंगा।