अभी हाल ही में क्रिकेट के सभी प्रारुपों से संन्यास लेने वाले भारत के पूर्व दिग्गज सलामी बल्लेबाज अपने बेबाक रवैये के लिए भी काफी मशहूर हैं। ऐसे में उन्होंने अब धोनी की कप्तानी और एक फैसले पर सवाल उठाया है। गंभीर ने 2012 की एक घटना का जिक्र करते हुए धोनी पर सवाल उठाए और कहा कि उन्हें उस वक्त बड़ा झटका लगा जब पता चला कि धोनी 2015 के वर्ल्ड कप के लिए टीम का चयन 2012 में हुई ऑस्ट्रेलिया की सीबी सीरीज में कर चुके थे।

इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान गंभीर ने उस दौरे को याद करते हुए बताया कि धोनी चाहते थे कि टीम में सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर एक साथ नहीं खेल सकते है क्योंकि धोनी 2015 के विश्वकप में युवा खिलाड़ियों को मौका देना चाहते थे। बकौल गंभीर धोनी का मानना था कि विश्वकप ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त मेजबानी में हो रहा है जहां बड़े-बड़े मैदान हैं तो भारत को अच्छे फील्डर की जरूरत है। गंभीर ने बताया कि मुझे क्या हर किसी को इस बात को जानकार हैरानी हुई कि कोई कप्तान 3 साल पहले ही आगामी विश्वकप की तैयारी कर रहा हो। उन्होंने कहा कि आप अभी सोच सकते हो क्योंकि अब 2019 वर्ल्ड कप के लिए 10-15 वनडे ही बचे हैं लेकिन इतना पहले तैयारी करना अचंभित करने वाला था।

गंभीर ने कहा कि आप अगर अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हों फिर उम्र को आंड़े लाना गलत बात है। हां अगर कोई खराब प्रदर्शन कर रहा हो तो अलग बात है, लेकिन उस वक्त हम तीनों का प्रदर्शन अच्छा था। बता दें कि गंभीर, सहवाग और सचिन तीनों ही उस वक्त भारत के टॉप बल्लेबाज हुआ करते थे। वहीं 2011 के वर्ल्ड कप में जब भारत चैंपियन बना था तो सचिन उस पूरे टूर्नामेंट में नंबर दो के टॉप स्कोरर थे जबकि भारत में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। खास बात है कि ये तीनों बल्लेबाज ही 2015 विश्वकप का हिस्सा नहीं रहे थे।