राहुल द्रविड़ के बाद गौतम गंभीर को भारतीय क्रिकेट टीम का हेड कोच नियुक्त किया गया है। गंभीर श्रीलंका दौरे के साथ जो 26 जुलाई से शूरू होगा अपना कार्यभार संभाल लेंगे, लेकिन इससे पहले उन्होंने टीम इंडिया के खिलाड़ियों के लिए सख्त लहजे में संदेश जारी किया। स्टार स्पोर्ट्स के द्वारा जारी किए गए वीडियो में गौतम गंभीर ने कोच बनने के बाद अपना पहला स्टेटमेंट खिलाड़ियों के लिए दिया और अपना इरादा भी जाहिर कर दिया। गंभीर टीम इंडिया के हेड कोच साल 2027 के आखिरी तक बने रहेंगे और इस बीच इंडिया को 5 आईसीसी इवेंट में हिस्सा लेना है।
फिट हैं तो तीनों फॉर्मेट में खेलिए
गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि चोट लगना खिलाड़ियों के जीवन का हिस्सा है और अगर आप तीनों प्रारूपों में खेल रहे हैं, आप चोटिल हो जाते हैं तो आप वापस जाकर रिकवर करो, लेकिन आपको तीनों प्रारूपों में खेलना चाहिए। मैं लोगों को यह बताने में विश्वास नहीं करता कि ठीक है हम उसे टेस्ट मैचों के लिए रखेंगे या हम उसे दूसरे प्रारूप के लिए रखेंगे और हम उसकी चोट और कार्यभार आदि का प्रबंधन करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि प्रोफेशनल क्रिकेटर्स के पास बहुत कम समय होता है और जब आप अपने देश के लिए खेलते हैं तो आप जितना संभव हो उतना खेलना चाहते हैं। जब आप बहुत अच्छे फॉर्म में होते हैं तो आगे बढ़ें और तीनों प्रारूपों में खेलें।
टीम के हित में काम करें
गंभीर ने कहा कि मेरा बस एक ही संदेश है कि ईमानदारी से खेलने की कोशिश करो। जितना हो सके अपने पेशे के प्रति ईमानदार रहो और परिणाम अपने आप सामने आएंगे। जब मैंने बल्ला उठाया, तो मैंने कभी परिणामों के बारे में नहीं सोचा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं ऐसा करूंगा। मैं इतने रन बनाना चाहता हूं। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि मुझे अपने पेशे के प्रति जितना हो सके उतना ईमानदार रहना चाहिए। कुछ सिद्धांतों पर जियो, कुछ मूल्यों पर जियो, सही चीजें करने की कोशिश करो और कोशिश करो कि चीजें सही हो भले ही आपको लगे कि पूरी दुनिया आपके खिलाफ है, लेकिन अगर आपका दिल मानता है कि आप टीम के हित के लिए सही काम कर रहे हैं तो उसे करते रहें।
मैंने जो कुछ किया वो टीम के हित में था
गंभीर ने अपने बारे में बात करते हुए कहा कि चाहे मैं क्रिकेट के मैदान पर आक्रामक रहा हूँ, चाहे मेरा लोगों से टकराव हुआ हो सब इसलिए क्योंकि यह सब टीम के हित में था। आप कोशिश करो और ऐसी कोशिश होनी चाहिए जिससे टीम का हित हो क्योंकि टीम ही आपके लिए मायने रखती है ना कि कोई व्यक्ति, इसलिए मैदान पर जाओ और केवल एक ही चीज के बारे में सोचो कि तुम जिस भी टीम के लिए खेलो, अपनी टीम को जीत दिलाने की कोशिश करो क्योंकि टीम के खेल की यही मांग होती है। क्रिकेट कोई व्यक्तिगत खेल नहीं है जहाँ आप अपने बारे में सोचते हैं। यह एक टीम खेल है जहाँ टीम पहले आती है, आप शायद पूरी लाइनअप में सबसे आखिर में आते हैं।