मनीष कुमार जोशी
दुनिया की श्रेष्ठतम टीमे इसके लिए मुकाबला करेगी। टी- 20 क्रिकेट ने थोडे समय में ही पुरी दुनिया में अपनी जगह बना ली है और यही कारण है कि एक दशक से थोड़े ज्यादा समय में ही इसके विश्वकप का आठवां संस्करण आयोजित हो रहा है।
यह टूर्नामेंट दो साल में एक बार आयोजित होता है। इस टूर्नामेंट का 2020 का संस्करण आस्ट्रेलिया में आयोजित होना था जो कोविड के कारण 2021 तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इसी दौरान मेजबान भारत हो गया परन्तु कोविड के कारण यह अरब और ओमान में आयोजित हुआ। इसका एक संस्करण 2018 में भी आयोजित होना था परन्तु 2017 में आइसीसी ट्राफी होने से इसको निरस्त कर दिया गया। कोविड के कारण इसका कार्यक्रम प्रभावित हो गया था। अब 2022 के बाद यह अपने कार्यक्रम के अनुसार ही आयोजित होगा। इसके लिए अब सभी 16 टीम तैयार है और हर एक टीम मैदान मारने का माद्दा रखती है। अब देखना है कि इन 16 टीमों में कौन सी टीम खिताब तक पहुंच पाती है।
यह टूर्नामेंट 16 टीमों के बीच खेला जा रहा है और आगे इसे 20 टीमों तक बढ़ाने की योजना है ताकि टी-20 क्रिकेट का विस्तार हो सके। पुस्तक कटपीस क्रिकेट के अनुसार टी-20 क्रिकेट सौ से भी ज्यादा देशों में खेला जाता है। टी-20 क्रिकेट आने के बाद क्रिकेट का विस्तार तेजी से हुआ है। यह टी 20 क्रिकेट का फार्मेंट ही है कि वेस्ट इंडीज टीम इसे दो बार जीत चुकी है और श्रीलंका सबसे ज्यादा फाइनल खेल चुकी है लेकिन ये दोनों टीमे इस बार सुपर 12 के लिए क्वालिफाई मैच खेल रही है।
16 अक्तूबर से शुरू हो रहे मुकाबले ग्रुप 1 व 2 के बीच होंगे जिसमें से चार टीमें मुख्य मुकाबले के लिए क्वालिफाई करेगी। इसमें ग्रुप 1 में श्रीलंका, नीदरलैंड, नामीबिया, व यूएई व ग्रुप 2 में वेस्ट इंडीज, जिम्बाब्वे, आयरलैंड व स्काटलैंड है। मुख्य मुकाबले में भारतीय टीम ग्रुप बी में है जिसमें भारत के साथ पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश व ग्रुप 1 व 2 की एक एक टीम वहीं ग्रुप ए में गत चैंपियन आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इग्लैंड, अफगानिस्तान व ग्रुप 1व 2 की एक एक टीम है। यहां देखने वाली बात यह है कि अफगानिस्तान जैसी टीम मुख्य मुकाबले में है जबकि दो बार की चैंपियन वेस्ट इंडीज, श्रीलंका व जिम्बाब्वे जैसी टीमे क्वालिफाई राउंड में है।
यह माना जा रहा है कि रोहित शर्मा के नेतृत्व वाली भारतीय टीम इस बार कमाल कर सकती है। इस टीम की विशेषता है मजबूत बल्लेबाजी क्रम। इस बार खिताब का मजबूत दावेदार मेजबान आस्ट्रेलिया है। भारत, पाकिस्तान, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड प्रमुख दावेदार दिखाई दे रहे हैं परन्तु दूसरी टीमों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। प्रमुख दावेदार टीमों के हालिया प्रदर्शन से लगता है कि इस विश्वकप में जोरदार टक्कर होगी। देखते है कौन बनेगा चैंपियन।
टीम आस्ट्रेलिया मजबूत टीम तो है ही साथ में मेजबान होना उसकी संभावनाओं को बढाता है। अपने अनुकूल परिस्थितियों में खेलना टीेम की संभावनाएं निश्चित ही बढा देता है। पिंच, कैमरून, मैक्सवैल और बडे जैसे खिलाड़ी मेजबान को चैंपियन बना सकते हैं। आस्ट्रेलिया के अलावा एक और सबसे मजबूत दावेदार पाकिस्तान है। इन दिनों पाकिस्तान टीम पूरी तरह से फार्म में है।
बाबर आजम की अगुआई वाली टीम ने एशिया कप में भारत को पराजित किया है। विश्वकप से पूर्व खेली गयी त्रिकोणीय सीरीज में पाकिस्तान का प्रदर्शन अच्छा रहा है। टीम के पास बाबर आजम के अलावा रिजवान और नसीम शाह जैसे सनसनी वाले खिलाडी हैं। पाकिस्तानी टीम गेंदबाजी और बल्लेबाजी के लिहाज से संतुलित टीम है। इस कारण पाकिस्तान की संभावनाएं बेहतर है। पाकिस्तान के बाद इंग्लैंड टीम भी इस बार खिताब की दावेदार है। बटलर के नेतृत्व वाली टीम आस्ट्रेलिया में कमाल कर सकती है। इग्लैंड के तेज गेंदबाजों को मेजबान देश की विकेटों पर अतिरिक्त उछाल मिल सकता है। अपने आक्रमण के चलते इंग्लैंड की संभावनाऐं ज्यादा है।
भारत, पाकिस्तान, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड प्रमुख दावेदार दिखाई दे रहे है परन्तु दूसरी टीमों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। कोई भी टीम छुपा रूस्तम साबित हो सकती है। बांग्लादेश, अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड टीम के प्रदर्शन पर भी नजरे रहेगी। बांग्लादेश टीम मजबूती के साथ उभरी है। आस्ट्रेलिया में खेलना अलग तरह का अनुभव है।
इसलिए वहां के शुरू के मैचों में टीमों का प्रदर्शन टुर्नामेंट की दिशा तय करेगा। टी- 20 फार्मेट अलग तरह का फार्मेट है। इसमें तेज खेल के अलावा आपको दिमाग से भी काम लेना पडता है। अंतिम पांच ओवर में टीम के कप्तान द्वारा लिए गए सही निर्णय ही टीम को विजेता बना सकते हैं। प्रमुख दावेदार टीमों के हालिया प्रदर्शन से लगता है कि इस विश्वकप में जोरदार टक्कर होगी। देखते है कौन बनेगा चैंपियन।