हेलसिंकी में 1952 में महान हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर के रिकॉर्ड पांच गोल से लेकर टोक्यो में 2021 में मीराबाई के ऐतिहासिक ओलंपिक रजत और यूजीन में नीरज चोपड़ा के विश्व चैंपियनशिप रजत तक, 24 जुलाई की तारीख भारतीय खेलों के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गई है। ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने अमेरिका के यूजीन में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत को पहली बार रजत पदक दिलाकर नया इतिहास रच दिया।
इससे पहले 2003 में अंजू बॉबी जॉर्ज ने पेरिस में विश्व चैंपियनशिप में लंबी कूद का कांस्य पदक जीता था । हेलसिंकी में 1952 ओलंपिक में 24 जुलाई के दिन ही भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने नीदरलैंड को 6 -1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता था। इस जीत के सूत्रधार बलबीर सिंह सीनियर ने पांच गोल दागे थे और ओलंपिक हॉकी फाइनल में सर्वाधिक गोल का रिकॉर्ड 70 साल बाद भी आज तक उनके नाम है।
मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था
भारत ने ओलंपिक पुरूष हॉकी में आठ बार (1928 से 1936 तीन बार आजादी से पहले, 1948, 1952, 1956 , 1964 और 1980) स्वर्ण पदक जीता है। 24 जुलाई ओलंपिक में एक बार फिर भारत के लिये सौभाग्यशाली तारीख रही। इसी दिन 2021 में टोक्यो ओलंपिक में स्पर्धा के पहले ही दिन साइखोम मीराबाई चानू ने महिलाओं के 49 किलो भारोत्तोलन वर्ग में रजत पदक जीतकर भारत का खाता खोला था। वह ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला भारोत्तोलक बनी।
क्रिकेट में नहीं टीम इंडिया को झेलनी पड़ी थी हार
हालांकि, 24 जुलाई का दिन क्रिकेट में भारत के लिए खास नहीं रही है। उसे इस दिन गेंद शेष रहते हुए अपनी तीसरी सबसे बड़ी हार झेलनी पड़ी थी। साल 2012 में हम्बनटोटा में खेले गए इस मैच में श्रीलंका के खिलाफ टीम इंडिया 138 रनों पर ऑल आउट हो गई थी। गौतम गंभीर ने 65 रन बनाए थे। सात बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू सके थे। थिसारा परेरा और एंजलो मैथ्यूज ने 3-3 विकेट लिया था। लसिथ मलिंगा ने दो विकेट लिए थे।
श्रीलंकाई टीम ने 139 रनों के लक्ष्य को 19.5 ओवर में 1 विकेट खोकर हासिल कर लिया था। उपल थरंगा ने 59 और तिलकरत्ने दिलशान ने 50 रनों की पारी खेली थी। दिनेश चांदीमल 6 रन बनाकर नाबाद थे। मेजबान टीम का एकमात्र विकेट दिलशान के तौर पर गिरा था। उन्हें रविचंद्रन अश्विन ने महेंद्र सिंह धोनी के हाथों स्टंप कराया था।