एमएस धोनी भारत के सबसे सफल कप्तान हैं और उनके क्रिकेटर बनने की संघर्ष की कहानी बेहद प्रेरणादायक है। धोनी ने अपने नेतृत्व कौशल और अपनी बल्लेबाजी के जरिए विश्व क्रिकेट पर बड़ा प्रभाव छोड़ा है। उन्होंने अपनी कप्तानी में टीम इंडिया को शीर्ष पर पहुंचाने के काम किया और तीन आईसीसी खिताब भी दिलाए जिसमें वनडे वर्ल्ड कप, टी20 वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब शामिल है। धोनी ने भले ही 2020 में अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर को अलविदा कह दिया था, लेकिन मौजूदा समय में वो आईपीएल में सीएसके टीम की कप्तानी कर रहे हैं और इस सीजन में उन्होंने चेन्नई को पांचवीं बार चैंपियन भी बनाया था।

धोनी जब इंटरनेशनल क्रिकेट में आए उसके बाद की कहानी तो सबसे पता है, लेकिन उससे पहले उन्होंने किस तरह से संघर्ष किया इसके बारे में कई अनकही कहानियां सबको पता नहीं है। अब धोनी के संघर्ष के दिनों की कुछ बातों को टीम इंडिया के पूर्व सेलेक्टर सबा करीम ने सबके सामने रखी और उनकी लाइफ के दो टर्निंट प्वाइंट के बारे में सबको बताया।

मजबूत बल्लेबाजी की वजह से मिला वनडे में ओपनिंग का मौका

टीम इंडिया के पूर्व विकेटकीपर सबा करीम ने उन दोनों को याद किया जब उन्होंने रणजी ट्रॉफी में बिहार के चयनकर्ता बनने के बाद पहली बार धोनी को देखा था। सबा करीम ने जियो सिनेमा पर बात करते हुए कहा कि पहली बार जब मैंने धोनी को देखा था तो यह रणजी ट्रॉफी में उनका दूसरा साल था। वह बिहार के लिए खेलते थे और मैंन उन्हें बल्लेबाज व विकेटकीपिंग करते हुए देखा था।

जब मैंने उन्हें बल्लेबाजी करते हुए देखा तो उनमें वही प्रतिभा थी जो हमने बाद में भी देखी। वो स्पिनर और तेज गेंदबाजों पर ऊंचे-ऊंचे शॉट खेल रहे थे। वहीं विकेटकीपिंग में जो फुटवर्क होना चाहिए था उसमें थोड़ी कमी थी। इसके बाद हमने उनकी विकेटकीपिंग पर काम किया था और एमएस धोनी की महानता इसी में है कि उन्हें जो सिखाया गया वह आज भी उन्हें याद है। जब हम बातचीत करते थे तब वह इसके बारे में बात करते थे और यह उनके करियर का एक अहम मोड़ था जहां वह वास्तव में आगे बढ़े। वनडे में हमने उन्हें ओपनिंग देना शुरू कर दिया क्योंकि उनकी बल्लेबाजी बहुत मजबूत थी और वह तेजी से रन बनाते थे।

सेलेक्टर्स को किया मौका देने के लिए राजी

इसके बाद सबा करीम ने भारत ए के लिए धोनी की पहली सीरीज के बारे में भी बात कही जहां उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था और फिर सेलेक्टर्स को आखिरकार उन्हें मौका देने के लिए राजी कर लिया। सबा करीम ने कहा कि धोनी के करियर का दूसरा निर्णायक मोड़ केन्या में भारत ए, पाकिस्तान ए और केन्या के बीच ट्राई सीरीज थी। धोनी को इस सीरीज में खेलने का मौका इस वजह से मिला क्योंकि दिनेश कार्तिक नेशनल टीम में शामिल हो रहे थे। वहीं धोनी ने इस सीरीज में शानदार बल्लेबाजी की। मुझे याद है कि मैं उस वक्त कोलकता में था और गांगुली कप्तान थे। मैं उनसे मिलने गया और कहा कि एक ऐसा कीपर है जिसे भारतीय टीम में आना चाहिए क्योंकि वह बहुत अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था और शानदार कीपर भी था। हालांकि पाकिस्तान दौरे से पहले सौरव ने एमएस को खेलते हुए नहीं देखा था और उन्हें उस दौरे के लिए नहीं चुना गया था, लेकिन वो लाइन में थे।