भारतीय क्रिकेट टीम ने साल 2011 में एमएस धोनी की कप्तानी में दूसरी बार वनडे वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। इस मैच में भारत का फाइनल में सामना मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका के खिलाफ हुआ था और एमएस धोनी ने ऐतिहासिक छक्का लगाते हुए टीम इंडिया को जीत दिलाई थी।

धोनी ने जो छक्का लगाया था और वो गेंद स्टेडियम में जिस सीट पर गिरा था उसे खास सम्मान दिया गया और उनका नाम एमएस धोनी रखा गया। भारतीय क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि किसी स्टेडियम की सीट को खिलाड़ी का नाम दिया गया है।

एमएस धोनी को किया गया सम्मानित

एमएस धोनी को उनकी इस ऐतिहासिक सफलता के लिए मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) ने सम्मानित किया गया। स्टेट एसोसिएशन की तरफ से धोनी को एक तस्वीर भेंट की गई जिसमें वो ऐतिहासिक छक्का लगाते हुए नजर आ रहे हैं। इसके अलावा उन्हें मोमेंटो देकर भी सम्मानित किया गया। इस मौके पर धोनी ने उन विशेष सीटों का भी उद्घाटन किया जिन्हें उनका नाम (एमएस धोनी) दिया गया है।

वानखेड़े स्टेडियम में जे 282 से जे 286 नंबर की सीटों को ये खास दर्जा दिया गया है। इस विशेष मौके पर उन सीटों को पूरी तरह से नया कर दिया गया था और उसे देखकर धोनी मुस्कुराते हुए नजर आए। भारतीय क्रिकेट इतिहास में पहली बार सीटों को किसी खिलाड़ी का नाम दिया गया तो वहीं इंटरनेशनल क्रिकेट इतिहास में दूसरी बार ऐसा हुआ है। क्रिकेट इतिहास में ऐसी यादगार घटना चौथी बार हुई है।

आपको बता दें कि धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने 1983 के बाद यानी 28 साल के बाद वनडे वर्ल्ड कप खिताब 2 अप्रैल 2011 को जीता था। इस मैच के फाइनल में श्रीलंका ने पहले खेलते हुए 6 विकेट पर 274 रन बनाए थे और इसके जवाब में भारत ने 48.2 ओवर में 4 विकटे पर 277 रन बनाकर मैच जीत लिया था। भारत की तरफ से गौतम गंभीर ने 97 रन जबकि एमएस धोनी ने नाबाद 91 रन की पारी खेली थी।