राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) की गिनती बहुत ही अनुशासित क्रिकेटर्स में होती है। कभी उनका नाम किसी विवाद में नहीं रहा। हालांकि, एक महिला फैन के चक्कर में एक बार उन्हें पुलिस की मदद जरूर लेनी पड़ी थी। राहुल द्रविड़ ने यह बात विक्रम साठिया (Vikram Saathiya) के शो यूट्यूब (YouTube) शो ‘वॉट द डक’ (What The Duck) में बताई थी। उन्होंने बताया था कि चूंकि उनके माता-पिता बहुत सीधे थे, इसलिए वह इतनी बड़ी मुसीबत में फंस गए थे।

शो के दौरान विक्रम साठिया ने राहुल द्रविड़ से पूछा था, ‘आपके साथियों ने बताया था कि आपकी बहुत सी महिला प्रशंसक थीं। कोई रोचक किस्सा है तो बताइए, जिसके कारण आपका ध्यान भंग हुआ हो?’ यह कहकर विक्रम हंसने लगे। द्रविड़ भी मुस्कुराने लगे। उन्होंने कहा, ‘महिला प्रशंसक होना अच्छा था, यह एक तरह का आपको सपोर्ट करता है। शादी से पहले मुझे वैलेंटाइन डे पर बहुत सारे पत्र मिलते थे। शादी के बाद मुझे बहुत सारी राखियां मिलती हैं। तो शादी से पहले और शादी के बाद में मेरी फीमेल फॉलोइंग में यह बदलाव आया। हालांकि, पैरेंट्स के सीधा होने के कारण कभी-कभी मुसीबत में फंस चुका हूं।’

द्रविड़ ने कहा, ‘मैंने जब भारत के लिए खेलना शुरू किया था, जैसाकि स्वाभाविक रूप से होता है कि आपके बहुत सारे फैन हो जाते हैं। लोग आपके घर आने लगते हैं। लोग आपको फोन करते हैं। आपसे बात करना चाहते हैं। आपको पत्र लिखते हैं। मेरे पैरेंट्स (माता-पिता) चाहते थे कि मैं अपने फैंस से मिलूं, उनसे बात कर लूं। कभी-कभी मैं बहुत थका हुआ रहता था, लेकिन वे कहते थे कि कोई इतनी दूर से आया है तो उससे तुम्हें मिलना चाहिए।’

द्रविड़ ने बताया, ‘मेरे मम्मी-पापा इतने सीधे हैं कि कोई भी इंसान मेरे घर पर आकर बेल बजाकर मुझसे मिलने की बात कहता तो वे मुझे तुरंत बुला दिया करते थे। एक बार मैं बहुत लंबे दौरे से भारत लौटा था, मुझे याद है कि मैं बहुत थका हुआ था। मैं इतना थका हुआ था कि सुबह घर पहुंचा और सीधा अपने कमरे में सोने चला गया।’

द्रविड़ ने बताया, ‘शाम को जब मैं उठा तो मेरी मॉम ने मुझे बताया कि एक फैन तुम्हारा इंतजार कर रही है। वह हैदराबाद से आई है। वह काफी देर से तुम्हारा इंतजार कर रही है। इस दौरान मेरे पैरेंट्स उसे चाय-कॉफी पिला चुके थे। वह घर के अंदर ही मेरा इंतजार कर ही थी। मैंने कहा कि ठीक है। मैंने सोचा कि वह मेरा ऑटोग्राफ लेना या फिर साथ में तस्वीर खिंचाना चाह रही होगी, जैसाकि आमतौर पर होता है।’

द्रविड़ ने बताया, ‘लेकिन जब मैंने उसको ऑटोग्राफ दिया और तस्वीर खिंचाने की बात कही और पूछा कि आप कैसे हैं, आप इतनी दूर से मुझसे मिलने आई हैं। आपको लौटने में देर हो जाएगी। तब उसने कहा, नहीं मैं जाने के लिए नहीं आई हूं। मैं हैदराबाद से अपना घर छोड़कर आई हूं। अब मैं यहीं आपके साथ रहूंगी। मुझे आपसे शादी करनी है।’

द्रविड़ ने कहा, ‘मैंने कहा कि ऐसा कैसा संभव है। मैंने उसको समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन वह किसी भी सूरत में कुछ भी समझने को तैयार ही नहीं थी। यह सब सुन मेरे पैरेंट्स भी वहां आ गए। जब वह किसी भी स्थिति में घर से जाने को तैयार नहीं हुई तब फिर मुझे पुलिस बुलानी पड़ी, क्योंकि वह धमकी दे रही थी कि वह घर से नहीं निकलेगी। इसके बाद मेरे पैरेंट्स को भी लगा कि हर किसी को घर के अंदर नहीं बुलाना है।’

बता दें कि राहुल द्रविड़ का जन्म 11 जनवरी 1973 को मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में हुआ था। हालांकि, वह कर्नाटक के बंगलौर में बड़े हुए। उनकी पत्नी विजेता पेंठारकर एक सर्जन डॉक्टर हैं। वह नागपुर की रहने वाली हैं। उनके दो बेटे हैं।