मनीष कुमार जोशी

एक समय था जब क्रिकेट में तेज गेंदबाजी की चार महाशक्तियां थीं। भारत के कपिल देव, इंग्लैंड के इयान बॉथम, पाकिस्तान के इमरान खान और न्यूजीलैंड के रिचर्ड हेडली। इन चारों का क्रिकेट में जलवा था। वेस्ट इंडीज के तेज आक्रमण के बावजूद इन गेंदबाजों ने अपना जलवा बरकरार रखा। इनके बाद गेंदबाजी मे विकेट झटकने का सिलसिला स्पिन गेंदबाजों के हाथ आ गया। इस दौर के बाद तेज गेंदबाजों को ब्रेक-थ्रू के लिए कम इस्तेमाल किया जाने लगा। लेकिन इसी बीच इंग्लैड के जेम्स एंडरसन आए जो टैस्ट मैचों मे सधी हुई गेंदों के द्वारा बल्लेबाजों को परेशान करने लगे। इसी अनुशासित गेंदबाज ने हाल ही में इंग्लैंड की ओर से खेलते हुए 600 विकेट लेने वाले पहले तेज गेंदबाज बने। इससे पहले शेन वार्न, मुरलीधरन और अनिल कुंबले यह कारनामा कर चुके हैं। हालांकि ये सब स्पिन गेदबाज थे।

क्रिकेट इतिहास में स्पिन गेंदबाजों के नाम ज्यादा विकेट दर्ज हैं। इसका कारण है कि धीमी गति की गेंदबाजी करने वाले खिलाड़ी का करिअर लंबा होता है। तेज गेंदबाज कम ही दिन अपने प्रदर्शन को धार दे पाते हैं। ऐसे में एंडरसन का 600 विकेट चटकाना बड़ी उपलब्धि है। कई दिग्गजों का मानना है कि एंडरसन को देखकर रिचर्ड हेडली की याद आती है। हेडली की तरह एंडरसन अनुशासित तरीके से गेदबाजी करते हैं। सधी हुई गेदबाजी फेंकते हैं। गेदबाजी इस प्रकार से आउट स्विंग होती है कि बल्लेबाजों के लिए बचना नामुमकिन होता है। बल्ले को गेंद से दूर करना बल्लेबाज के लिए चुनौती रहती है।

2016 में श्रीलंका के खिलाफ एंडरसन ने गजब की गेंदबाजी की। सिंहली बल्लेबाजों के लिए अपने आपको एंडरसन से बचाना मुश्किल हो रहा था। इस टैस्ट मैच मे एंडरसन ने 45 रन देकर 10 विकेट लिए थे। एंडरसन 38 साल के हो चुके हैं लेकिन अभी भी उनकी गेंदबाजी मे 25 साल के युवा की तरह पैनापन है। उन्होंने अपना पिछला वनडे मैच 2015 मे विश्व कप मे खेला था। इसके बाद से वो एकदिवसीय नही खेले हैं। सारी ऊर्जा टैस्ट मैच के लिए बचाकर रखी है। संगकारा एंडरसन को वेटरन खिलाड़ी कहते हैं। वे कहते हैं इस खिलाड़ी ने युवाओं के लिए चुनौतीपूर्ण लक्ष्य तय किए हैं।

एंडरसन आगे एशेज सीरीज भी खेलना चहते हैं। वह अभी पाकिस्तान के खिलाफ अपने प्रदर्शन से उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि यदि वे चोट से बचे रहें तो ऐशेज सीरीज जरूर खेलेंगे। वह पांचवी बार आस्ट्रेलिया के दौरे पर जाना चाहते हैं। इससे लिए वह खूब मेहनत कर रहे हैं।

एंडरसन में अभी भी काफी क्रिकेट बाकी है। उनकी फिटनेस एक युवा की तरह है। ऐसे में उनके प्रर्दशन को देखते हुए उनके संन्यास लेने की संभावना नजर नहीं आती।