इंग्लैंड की टीम को 8 जुलाई से घरेलू मैदान पर वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलनी है। उसके सभी खिलाड़ी अभ्यास में जुटे हुए हैं। हालांकि, इन सबसे अलग इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड टीम के मनोवैज्ञानिक (साइकोलॉजिस्ट) डेविड यंग की ‘शरण’ में हैं। उन्होंने अपनी मां की सलाह के बाद यह कदम उठाया है।

इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच 3 टेस्ट और इतने ही मैचों की टी20 सीरीज खेली जानी है। यह सीरीज जैव सुरक्षित वातावरण में खेली जाएगी। मैच के दौरान दर्शकों को मैदान पर आने की इजाजत नहीं होगी। बॉल को चमकाने के लिए गेंदबाज लार का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।

दरअसल, दर्शकों के बिना खेलने और लार पर बैन की बात ब्रॉड को परेशान कर रही है। यही वजह है कि वह कोरोनवायरस महामारी के समय में क्रिकेट खेलने के लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं। मैच के दौरान ब्रॉड लार का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखना होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात, बिना किसी प्रशंसक के खाली स्टेडियम में खेलना।

ब्रॉड ने कहा, मुझे लगता है कि बिना भीड़ के खेल थोड़ा अलग होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि हर खिलाड़ी इस लड़ाई के लिए तैयार है, निश्चित रूप से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से ज्यादा मानसिक परीक्षा होगी। मैं इसे लेकर बहुत जागरूक हूं। मैं पहले से ही अपने खेल मनोवैज्ञानिक से बात कर चुका हूं। यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि बिना दर्शकों के मैं कैसे वैसा ही महसूस कर सकता हूं, जैसा दर्शकों की हौसलाअफजाई में करता था।

टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में दूसरे नंबर पर कायम ब्रॉड अपनी मां की सलाह पर काम कर रहे हैं। ब्रॉड ने बताया, मेरी मां ने मेरे घर छोड़ने से पहले मुझे सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि तुम बिल्कुल 12 साल के बच्चे की तरह सोचो, जब तुम क्रिकेटर खेलने के लिए कुछ भी कर सकते थे और कहीं भी इसे खेल सकते थे।